पेड न्यूज को लेकर प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशलमीडिया में निगरानी रखी जाएगी कलेक्टर डॉ. सलोनी सिडाना ने बुधवार को योजना भवन में एमसीएमसी की समीक्षा बैठक ली
नैनपुर/मंडला – कलेक्टर डॉ. सलोनी सिडाना ने कहा कि आगामी विधानसभा निर्वाचन 2023 के लिए निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुसार एमसीएमसी का गठन कर लिया गया है। निर्वाचन में पेड न्यूज को लेकर एमसीएमसी के द्वारा प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और सोशलमीडिया में कड़ी निगरानी रखी जाएगी। पेड न्यूज प्राप्त होने पर व्यय राशि अभ्यर्थी के चुनावी खर्चे में जोड़ा जाएगा। भ्रामक एवं असत्य खबरों का खंडन किया जाएगा। अभ्यर्थियों को विज्ञापन प्रसारित करने के पूर्व अनुमति लेनी होगी, जिससे व्यय राशि को उनके चुनावी खर्चों में जोड़ा जा सके। उन्होंवने बताया कि चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों को अपने सोशल मीडिया अकाउंट और फेसबुक की जानकारी भी देनी होगी, जिससे उनके सोशल मीडिया अकाउंट और फेसबुक पर भी निगरानी रखी जा सके। कलेक्टर डॉ. सलोनी सिडाना बुधवार को कलेक्ट्रेट के योजना भवन सभाकक्ष में एमसीएमसी की बैठक में उक्त निर्देश दिए। इस अवसर पर एसडीएम मंडला ऋषभ जैन, एसडीएम घुघरी सोनल सेडाम, संयुक्त कलेक्टर अरविंद कुमार सिंह, मास्टर ट्रेनर डीपी मिश्रा और श्रीकांत श्रीवास्तव सहित समिति सदस्य मौजूद थे।
डॉ. सलोनी सिडाना ने कहा कि कोई भी ऑपरेटर या न्यूज चैनल किसी ऐसे विज्ञापन का प्रसारण नहीं करेगा जो विधि के अनुरूप न हो एवं जो नैतिकता भावना, मर्यादा या विचारों को ठेस पहुंचाता हो। उन्होंने बताया कि सभी राजनैतिक विज्ञापन जो कि टीव्ही चैनल एवं केबल नेटवर्क पर प्रसारित किया जाना प्रस्तावित है, उसे प्रसारण के पूर्व प्रमाणित किया जाना चाहिए। गठित एमसीएमसी चुनाव के दौरान विज्ञापनों, पेड न्यूज, वॉईस एसएमएस, बल्क एसएमएस, सोशल मीडिया, ई-न्यूज पेपर, ऑडियो और वीडियो सहित समस्त प्लेटफॉर्मों पर निगरानी रखेगी। जिससे इन माध्यमों से किए जा रहे प्रचार-प्रसार की व्यय राशि को अभ्यर्थी के खातों में जोड़ा जा सके।
कलेक्टर डॉ. सलोनी सिडाना ने बताया कि जिला स्तरीय एमसीएमसी के द्वारा प्रतिदिन प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से प्राप्त शिकायतों की जांच की जाएगी। एमसीएमसी द्वारा पेड न्यूज के मामलों में रिटर्निंग ऑफीसर द्वारा अभ्यर्थी को नोटिस जारी किया जाएगा। अभ्यर्थी द्वारा संतोषजनक उत्तर नहीं मिलने पर उक्त राशि अभ्यर्थी के चुनावी खर्चे में जोड़ दी जाएगी। एमसीएमसी के उक्त निर्णय के विरूद्ध अभ्यर्थी राज्य स्तरीय एमसीएमसी में अपील कर सकता है। डॉ. सलोनी सिडाना ने बताया कि व्हाट्सऐप ग्रुप में होने वाले चुनावी प्रचार-प्रसार को भी अभ्यर्थी के खर्चों में जोड़ा जाएगा। अभ्यर्थी द्वारा जब यह बताया जाता है कि उनके द्वारा व्हाट्सऐप में इस प्रकार से प्रचार नहीं किया गया है तो मैसेज प्रसारित करने वाले व्यक्ति और व्हाट्सऐप ग्रुप एडमिन के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने बताया कि चुनाव के दौरान अफवाहों और फेक न्यूज की जांच कर उनका भी खंडन किया जाएगा। सोशल मीडिया पर चलने वाले पेड न्यूज के मामलों में चुनावी खर्च, वेतन, इंटरनेट चार्ज, पेपर वर्क और अन्य व्यय का आंकलन कर जोड़ा जाएगा।