राजधानी की बदहाल सड़कों पर भड़के CM शिवराज, CPA तत्काल प्रभाव से खत्म
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को भोपाल की खराब सड़कों पर नाराजगी जताई। CM ने भोपाल के कमिश्नर-कलेक्टर और एजेंसियों के साथ बैठक में अफसरों को फटकार लगा दी। उन्होंने कहा कि मुझे कोई बहाना नहीं चाहिए, किसी भी तरह गड्ढे खत्म करें। भोपाल की सड़कों की जिम्मेदारी 1 या 2 एजेंसी के पास होनी चाहिए। ढेर सारी एजेंसियों की कोई जरुरत नहीं है। उन्होंने कहा कि तत्काल प्रभाव से राजधानी परियोजना प्रशासन (CPA) समाप्त होनी चाहिए। इसकी जरूरत नहीं है।
MP की राजधानी और झीलों की नगरी भोपाल की 50% सड़कें बारिश के कारण बदहाल हो गई हैं। ऐसी कोई सड़क नहीं है, जो गड्ढों से न पटी हो या फिर उन पर धूल के गुबार न उड़ रहे हों। हालत ये है कि बारिश होते ही सड़कों पर कीचड़ फैला जाता है। भोपाल की बदहाल सड़कों पर विपक्ष ने भी सवाल उठाए थे।
पूर्व CM दिग्विजय सिंह और पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव सड़कों के मुद्दे पर सरकार को घेर चुके हैं। पूर्व प्रोटेम स्पीकर और हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भी तीन दिन पहले हुई कार्यशाला में नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के सामने नाराजगी व्यक्त की थी। वहीं, जिम्मेदारों को कठघरे में खड़ा किया था।
अफसरों ने गिनाएं तो CM बोले- मुझे कोई बहाना मत गिनाएं
भोपाल की बदहाल सड़कों पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समीक्षा बैठक में सड़क निर्माण से जुड़े अफसरों को जम कर फटकार लगाई। दरअसल, वे राजधानी की खराब सड़कों को लेकर नाराज थे। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि आखिर यह नौबत ही क्यों आई। अभी तक आप लोग क्या कर रहे थे? जब अधिकारियों ने सड़कों के सुधार कार्य की स्थिति बतानी चाहिए तो उन्होंने टोकते हुए कहा कि बहाना नहीं चाहिए। पहले काम कराने का क्यों नहीं सोचा? इतनी सारी एजेंसियां आखिर करती क्या हैं? जब यह बताया गया कि राजधानी परियोजना प्रशासन (सीपीए) भी सड़कों का काम देखता है तो उन्होंने कहा कि इसे तत्काल खत्म करो। इसकी कोई जरूरत नहीं है।
मुख्यमंत्री यहीं नहीं रूके, उन्होंने कहा- आप लोग कुछ करते हैं या नहीं? कोई तालमेल है कि नहीं है? कौन सी एजेंसी कहां काम कर रही है। यह नौबत क्यों कि रोज गड्ढे गिनो। इस पर डिवीजनल कमिश्नर कवींद्र कियावत ने जवाब दिया-भोपाल में पिछले दिनों सीवेज और वाटर लाइन के साथ-साथ मेट्रो का काम भी चला। वे इसके आगे कुछ बोलते, मुख्यमंत्री टोकते हुए कहा- कोई बहाना मत गिनाएं। यह तो बहुत अच्छा तरीका है कि यह हो गया या वो हो गया और खेल खत्म। हालांकि कियावत ने अफसरों के बचाव में फिर कहा- मेंटनेंस का काम अब हम शुरू कर रहे हैं… इस पर सीएम ने कहा- यह पहले क्यों नहीं सोचा कि उन कामों के साथ-साथ करें।
इन सड़कों की हालत सबसे ज्यादा खराब
कोलार गेस्ट हाउस से लेकर चिचली बैरागढ़ तक करीब 10 किमी सड़क का PWD ने 3 साल पहले रिन्युवल कराया था। इसके बाद सड़क की सुध नहीं ली। बारिश में जब सड़क जर्जर होती है, तो ठीक करा दिया जाता है। लेकिन, पिछले एक साल में सीवेज और कोलार लाइन बिछाने के लिए पूरी सड़क खोद दी गई। मंदाकिनी चौराहे से ललितानगर, नयापुरा, गेहूंखेड़ा में तो पूरी तरह से उखड़ी हुई है।
होशंगाबाद रोड भी उखड़ चुका है। MP नगर से हबीबगंज रेलवे स्टेशन तक सड़क की हालत ठीक नहीं है। वीर सावरकर ब्रिज से मिसरोद तक की सर्विस लेन गैस लाइन बिछाने के लिए खोदी गई थी, जिसकी सही ढंग से मरम्मत नहीं की गई है। इस कारण होशंगाबाद रोड से जुड़ी करीब 200 कॉलोनी के लोग परेशान हो रहे हैं। मिसरोद के पास सड़क पर गड्ढे काफी गहरे हो चुके हैं। कई जगह डामर उखड़ चुका है। जिस पर गिट्टी डाल दी गई है।
पुराने शहर की सड़कें भी ठीक नहीं है। भोपाल टॉकीज के सामने जर्जर सड़क का फोटो कांग्रेस नेताओं ने ट्वीट किया था। इसके बाद निगम ने सड़क के गड्ढों पर मिट्टी भर दी थी। बावजूद राहगीरों की समस्या दूर नहीं हुई है। थोड़ी बारिश होते ही मिट्टी कीचड़ में बदल जाती है।
अल्पना टॉकीज के पास भी यही स्थिति है। घोड़ा नक्कास, नवबहार सब्जी मंडी में भी सड़क उखड़ चुकी है।
बिट्ठन मार्केट, कमला पार्क के पास, एम्स क्षेत्र, बाग सेवनिया, अवधपुरी, गेहूंखेड़ा, रायसेन रोड, करोंद, डीआईजी बंगला क्षेत्र आदि इलाकों में भी सड़कें गड्ढों में गायब हो चुकी हैं।
कमिश्नर से पहले सीएम ने बुला ली बैठक
सड़कों की जर्जर हालत के चलते भोपाल कमिश्नर कवींद्र कियावत ने एक स्पेशल टीम भी बनाई थी, जिसे 20 अगस्त को रिपोर्ट सौंपना था। कमिश्नर आज बैठक लेने वाले थे, लेकिन इससे पहले ही सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मीटिंग बुला ली। मीटिंग में सीएस, पीएस पीडब्ल्यूडी, सीपीए, भोपाल कलेक्टर, नगर निगम के अधिकारी उपस्थित हैं।