November 22, 2024

सिंगल मदर बनीं भोपाल की संयुक्ता, स्पर्म डोनेशन के जरिए दिया बेटे को जन्म

0

महिला ने बताया कि, मैं मां बनना चाहती थी, इसलिए केंद्रीय दत्तक ग्रहण प्राधिकरण से बच्चा गोद लेने के लिए दो बार रजिस्ट्रेशन किया, लेकिन बच्चा गोद नहीं मिल पाया.
MP : रुढ़िवादी सोच तोड़ सिंगल मदर बनीं भोपाल की संयुक्ता, स्पर्म डोनेशन के जरिए दिया बेटे को जन्म
बिना पति के मां बना एक औरत के लिए आज के समय में भी बहुत बड़ा चैलेंज है. समाज ऐसी महिलाओं को स्वीकार नहीं करता है. इन जैसी और भी कई बातों और रुढ़िवादी सोच को तोड़कर भोपाल (Bhopal) की 37 साल की संयुक्ता बनर्जी ने अपने लिए कुछ अलग चुना है. हालांकि ये फैसला लेना इतना आसान नहीं था, लेकिन परिवार और दोस्तों से मिले सपोर्ट के बाद उसके लिए मुश्किले और आसान हो गई. संयुक्ता बनर्जी ने काफी सोचने के बाद बिना पार्टनर के ही मां (single mother) बनने का फैसला लिया और स्पर्म डोनेशन (sperm donation) के जरिए अगस्त में एक बेटे को जन्म दिया है

संयुक्ता का आज अपने इस फैसले पर गर्व है. संयुक्ता का कहना है कि उनके परिवार और दोस्तों ने मानसिक और भावनात्मक बहुत सहयोग किया जिसकी वजह से उन्हें ये फैसला लेने में कोई मुश्किल नहीं आई.

बच्चा गोद लेने का भी कोशिश की थी लेकिन गोद नहीं मिला
उन्होंने बताया कि तीन बार बच्चा गोद लेने की कोशिश की थी, लेकिन बच्चा गोद नहीं मिल पाया. इसके बाद एक फैमिली डॉक्टर ने उन्हें आईसीआई तकनीक के बारे में बताया. जिसके बाद उनका मां बनने का सपना पूरा हो गया.

सरोगेसी से मां बनना बहुत मंहगा प्रोसेस है
संयुक्ता ने बताया कि उनकी शादी 20 अप्रैल 2008 में हुई थी. पति को बच्चा नहीं चाहिए था लेकिन मुझे मातृत्व का सुख लेना था. 2014 में दोनों की राहें अलग हो गईं और 2017 में तलाक हो गया. फिर मैंने नए सिरे से जिंदगी शुरू की. चूंकि मैं मां बनना चाहती थी, इसलिए केंद्रीय दत्तक ग्रहण प्राधिकरण से बच्चा गोद लेने के लिए दो बार रजिस्ट्रेशन किया, लेकिन बच्चा गोद नहीं मिल पाया. इसके बाद मेरे फैमिली डॉक्टर ने सेरोगेसी, आईवीएफ, आईसीआई और आईयूआई जैसी तकनीक के बारे में बताया. इसमें बिना पार्टनर के भी मां बना जा सकता है.

24 अगस्त को दिया बेटे को जन्म
उन्होंने कहा कि, मैंने आईसीआई तकनीक को अपनाने का निर्णय लिया. इसमें बिना किसी के संपर्क में आए केवल स्पर्म डोनेशन लेना होता है. इसमें डोनर की पहचान गोपनीय रहती है. फरवरी में मुझे पता चला मैंने कंसीव कर लिया है. डॉक्टर की देखरेख में मैंने 24 अगस्त को बेटे को जन्म दिया. पहले मैंने सरोगेसी से बच्चा पैदा करने के बारे में सोचा था लेकिन यह तकनीक बहुत महंगी है. इसमें काफी रुपया खर्च होने के बाद भी सक्सेस रेट बहुत कम है. इसके बाद टेस्ट ट्यूब बेबी पर भी विचार किया लेकिन उसमें भी बात नहीं बनी. तब मैंने आईसीआई तकनीक को अपनाया.

‘मैं पापी हो गई हूं. मेरा पाप सामने आ गया’
संयुक्ता कहती हैं, अगर आप शादी के बंधन में हैं तो मां बने बिना एक महिला अस्तित्व ही न पूरा कर पाए. लेकिन अगर शादीनुमा संस्थान से या तो निकल गए हो या शादी ही नहीं की है तो एक महिला का मां बनना पाप माना जाता है. इस तरह से अब इस समाज की नजरों में मेरा एक पाप सामने आ चुका है और मैं पापी हो गई हूं वह कहती हैं कि मेरी मां 70 साल की उम्र में साये की तरह मेरे साथ खड़ी रहीं. कुछ दोस्तों ने भी हर मोड़ पर मेरा साथ दिया जिससे राह आसान हो गई.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

slot server thailand super gacor

spaceman slot gacor

slot gacor 777

slot gacor

Nexus Slot Engine

bonus new member

https://www.btklpppalembang.com/

olympus

situs slot bet 200

slot gacor