कर्नाटक हाईकोर्ट ने यौन उत्पीड़न मामले में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी
Farmers have many expectations regarding the budget of Bhajanlal government
बेंगलूरू
कर्नाटक हाईकोर्ट ने यौन उत्पीड़न मामले में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने उनको राहत देते हुए कहा कि वह राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हैं। वह कोई आदतन अपराधी नहीं है, जो देश छोड़कर भाग जाएगा। वह टॉम, डिक या हैरी नहीं हैं। कोर्ट ने येदियुरप्पा को निर्देश दिया है कि वह सीआईडी के सामने 17 जून को पेश हो जाएं।
दरअसल, सीआईडी की टीम मामले में येदियुरप्पा से पूछताछ करना चाहती थी। उन्होंने सीआईडी के समन का जवाब देते हुए कहा कि वह इस समय दिल्ली में हैं, इसलिए उनको समय दिया जाए। सीआईडी ने फास्ट ट्रैक कोर्ट जाकर येदियुरप्पा के खिलाफ गैर जमानती वारंट की मांग की। बेंगलुरु की एक कोर्ट ने उनकी मांग को स्वीकार करते हुए वारंट जारी कर दिया था।
येदियुरप्पा ने चुप रहने को कहा था- पीड़िता की मां
नाबालिग लड़की की मां ने एफआईआर में शिकायत की कि येदियुरप्पा की तरफ से कथित तौर उससे चुप रहने को कहा गया था। उसने लड़की के आरोपों पर जब येदियुरप्पा से पूछा तो उन्होंने कहा कि वह लड़की के आरोपों की जांच कर रहे थे कि सच में रेप हुआ है या नहीं। उन्होंने अपनी हरकत की बाद में माफी मांग ली थी। उन्होंने किसी को भी कुछ भी ना बताने को कहा था।
यह है मामला
येदियुरप्पा के खिलाफ 17 वर्षीय नाबालिग की लड़की ने छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। उसकी शिकायत पर उनके खिलाफ पोस्को एक्ट का मामला दर्ज हुआ है। लड़की की मां के अनुसार 2 फरवरी 2024 को वह येदियुरप्पा के डॉलर्स कॉलोनी स्थित उनके घर पर बेटी के साथ गई थी। इस दौरान उन्होंने बेटी के साथ छेड़छाड़ की थी। येदियुरप्पा के ऑफिस ने इस दौरान नाबालिग लड़की की मां के खिलाफ दस्तावेज जारी किए, जिसमें उसने अलग-अलग लोगों पर 53 केस किए हैं।