बहोरीबंद विजयराघवगढ़ बड़वारा और कटनी मे, बेरोजगारी महंगाई अवैध उत्खनन बिजली की समस्या बनेगी मुद्दा, जनता का बदलता मूड
विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है कटनी जिले में चार विधानसभा क्षेत्र है जहां पर तीन विधायक भाजपा के तो एक विधायक कांग्रेस का है जनता की माने तो इस बार बदलने के आसार हैं चुनाव में जातिगत समीकरण बेहद अहम् रोल अदा करते हैं। मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भी कई सीटें ऐसी है, जिनकी जीत-हार जाति आधारित राजनीति पर टिकी रहती हैं। कटनी जिले की बड़वारा सीट भी उन्ही में से एक हैं।
कटनी के जिला बनने से पहले और बाद में 2008 तक कांग्रेस का ही प्रभुत्त्व रहा। बड़वारा विधानसभा सभा पहले शहडोल संसदीय क्षेत्र में आता था। बाद में परिसीमन की जद में यह पन्ना संसदीय क्षेत्र में शामिल हो गया। यहां भी डेढ़ दशक पहले तक कांग्रेस ही हावी रही।
लेकिन बहोरीबंद से कांग्रेस के श्रवण भाई पटेल की हार के बाद चली परिवर्तन की आंधी का असर आसपास की सभी सीटों पर पड़ना शुरू हो गया था। बड़वारा के भी समीकरण बदले और 2008 से बीजेपी ने अपनी धाक तो जमाई लेकिन पिछले चुनाव में फिर पांसा पलट गया था।
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जातिगत समीकरण रहा हावी
करीब 2 लाख 36 हजार मतदाताओं वाला यह क्षेत्र अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। जिसमें सबसे ज्यादा तादात लगभग 45 फीसदी पिछड़ा वर्ग के लोगों की है। अनुसूचित जनजाति के करीब 25 फीसदी लोग है। जिसमें गौड़ जाति, कोल जाति, जनजाति में भूमिया जाति के लोग भी हैं। 17 प्रतिशत सामान्य वर्ग है। जिसमें सबसे अधिक ब्राम्हण, बाकी बचे ठाकुर, गुप्ता, जैन, कायस्थ समाज के लोग है।
2018 के चुनाव में कांग्रेस ने की जीत दर्ज
बड़वारा विधानसभा में वर्तमान में कांग्रेस पार्टी के विजयराघवेन्द्र सिंह विधायक है। अजय सिंह राहुल गुट की छाप वाले विजयराघवेन्द्र सिंह ने यहां अपनी अलग पहचान स्थापित की। जिसकी बदौलत 2018 में विजयराघवेन्द्र सिंह भाजपा के विधायक मोती कश्यप से लगभग 20 हजार मतों से जीतने में कामयाब हुए। इसी सीट से दस साल भाजपा के मोती कश्यप विधायक रहे। विजयराघवेन्द्र सिंह ने कई विकास कार्य तो किए, लेकिन इस बार फिर जनता बदलाव के मूड में नजर आ रही हैं। कई मुद्दों को लेकर कांग्रेस के कार्यकर्ता विधायक से नाराज भी है। यदि विजयराघवेन्द्र सिंह को चुनाव में फिर मौका मिला तो कार्यकर्ताओं की नाराजगी का खामियाजा उन्हें उठाना पड़ सकता है।
प्रमुख चुनावी मुद्दे
बड़वारा विधानसभा के आगामी चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा बिजली कटौती का है। दूसरा बड़ा कानून व्यवस्था की स्थिति खराब होना है। रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन भी इस क्षेत्र के स्थानीय मुद्दे शामिल है। क्षेत्र में छोटे-बड़े उद्योग होने के बावजूद भी स्थानीय लोगों रोजगार नहीं मिल रहा है। बेरोजगारी भी बड़ा मुद्दा है।
प्रमुख उम्मीदवार
कांग्रेस से विजयराघवेन्द्र सिंह, कांग्रेस नेत्री प्रमिला सिंह प्रबल दावेदारों की सूची में सबसे ऊपर हैं। भाजपा से धीरेन्द्र सिंह धीरु वर्तमान जिला पंचायत सदस्य हैं, जिन्हें भाजपा ने उम्मीदवार घोषित कर दिया है। बीजेपी भी दावा कर रही है कि पार्टी द्वारा टिकट घोषणा में लिया गया निर्णय इस बार बड़ी सफलता दिलाएगा। बड़ी बात स्थानीय प्रत्याशी की है, जिसमें भाजपा आगे निकल गई हैं। जनता के बीच जाने का भी उन्हें भरपूर मौका हैं।
कहां तक फैला यह क्षेत्र
इस सीट का विस्तार बड़वारा और ढीमरखेड़ा की पूरी तहसील में आता है। इसके अलावा स्लीमनाबाद तहसील क्षेत्र के भी कुछ गांव भी इस विधानसभा क्षेत्र में आते हैं। इसके अलावा बड़वारा और ढीमरखेड़ा जनपद पंचायत भी शामिल है। ढीमरखेड़ा मुख्यालय में एसडीएम कार्यालय है। जबकि बड़वारा का एसडीएम कार्यालय कटनी में है।
देखना यह होगा कि ऊंट किस करवट लेता है और जनता किसको विधानसभा भेजती है