टाइगर रिजर्व में पंजीकृत जिप्सी की समय-सीमा 10 से बढ़कर 15 साल हुई

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भोपाल. प्रदेश के टाइगर रिजर्व के जिप्सी संचालकों के लिए खुशखबरी है कि अब वे अपनी जिप्सी 15 साल तक बेरोक-टोक संचालित कर सकते हैं. इस आशय के आदेश वन विभाग ने टाइगर रिजर्व के समस्त क्षेत्र संचालकों के लिए जारी कर दिए हैं. लंबे समय से या मांग लंबित थी. इस खुशखबरी के साथ एक खबर और है कि 1 अक्टूबर से नेशनल पार्क और चिड़ियाघरों के प्रवेश शुल्क में 5% की वृद्धि भी की जा रही है. यानि ₹120 से डेढ़ सौ रुपए तक प्रवेश शुल्क में बढ़ोतरी किए जाने की जा है.
प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं प्रभारी मुख्य वन्य प्राणी अभिरक्षक अतुल श्रीवास्तव के हस्ताक्षर से जारी आदेश में कहा गया है कि टाइगर रिजर्व के अंतर्गत संचालित पंजीकृत पर्यटक वाहन (जिप्सी) की समय-सीमा 10 वर्ष से बढ़कर 15 वर्ष कर दी है. बशर्तें जिप्सी की वर्तमान स्थिति अच्छी हो एवं संबंधित वाहनों का बीमा, पंजीकरण और फिटनेस आदि समस्त दस्तावेज जीवित होना चाहिए. वन विभाग के इस निर्णय से करीब 1300 जिप्सी संचालकों को लाभ पहुंचेगा. करोना कल से ही पर्यटक जिप्सी संगठनों द्वारा यह मांग की जा रही थी कि जब परिवहन नियमों के अंतर्गत एक वाहन को 15 वर्ष तक परिवहन को इजाजत देती है, तब वन विभाग जिप्सी के समय-सीमा 10 वर्ष तय किया जाना अनुचित है. जिप्सी संचालकों ने अपना ज्ञापन वन मंत्री डॉ विजय शाह को भी सौंपा था. 3 वर्ष के लंबे चिंतन-मंथन के बाद अब जाकर वन विभाग ने यह निर्णय लिया है. वन विभाग के इस निर्णय पर कान्हा टाइगर रिजर्व के जिप्सी संगठन के अध्यक्ष अरुण साहू ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार और शासन ने हमारी सुन ली. 3 साल से लंबी हमारी मांग आज पूरी हो गई है.
पंजीकृत जिप्सी
बांधवगढ़ – 253
कान्हा – 247
पेंच – 270
सतपुड़ा – 246
पन्ना – 74
संजय डूबरी -7
प्रवेश शुल्क में 5% की वृद्धि
वन्य प्राणी प्रेमी पर्यटकों के लिए टाइगर रिजर्व में सफारी करने के लिए पिछले वर्ष की तुलना में 5% राशि अधिक देनी पड़ेगी. होटल व्यवसाय के दबाव में वन विभाग ने पिछले 5 सालों से प्रवेश शुल्क में कोई वृद्धि नहीं की थी. जबकि देश के सभी टाइगर सफारी में प्रवेश शुल्क में बढ़ोतरी कर दी गई थी. राज्य शासन ने उदारता बढ़ाते हुए प्रवेश शुल्क में मामूली वृद्धि की है. नया प्रवेश शुल्क अक्टूबर से लागू होने की संभावना है. बांधवगढ़ होटल एसोसिएशन के ऋषि भट्ट का कहना है कि 5% वृद्धि अधिक नहीं है. प्रवेश शुल्क में प्रचलित दर में मात्र 120 से 150 रुपए तक की बढ़ोतरी होगी. भट्ट का कहना है कि यह राशि इतनी अधिक नहीं है कि सैलानी ऐसे वाहन न कर सके.