सेवा के दौरान दिव्यांग हुए कर्मचारी का वेतन देना राज्य सरकार का दायित्व, नहीं किया जा सकता सेवा से पृथक :- पंजाब हाईकोर्ट
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संतोष सिंह तोमर
भोपाल। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार के मृतक कर्मचारी की विधवा की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि सेवा में रहते हुए दिव्यांग होने वाले कर्मचारी का वेतन जारी करना राज्य का दायित्व है। ऐसे कर्मचारी की सेवाओं को समाप्त नहीं किया जा सकता है। हाईकोर्ट ने 4 सप्ताह के भीतर वेतन की राशि जारी करने का पंजाब सरकार को आदेश दिया है।
याचिका दाखिल करते हुए लुधियाना निवासी जोगिंदर कौर ने बताया कि उसके पति पंजाब के शिक्षा विभाग में कार्यरत थे। सेवा मेंं रहते हुए उन्हें ब्रेन ट्यूमर हो गया और वे दिमागी रूप से बीमार हो गए। उन्होंने 3 जुलाई 2008 से 14 अक्टूबर 2013 तक अवकाश ले लिया। पंजाब सरकार ने इस अवधि के लिए उन्हें कोई वेतन जारी नहीं किया। 2008 से 2013 का वेतन जारी न करने का कारण बताते हुए पंजाब सरकार ने कहा कि याची का पति उस दौरान मेडिकल लीव पर था जो बिना वेतन के थी।
हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद कहा कि पर्सन विद डिसएबिलिटी एक्ट के अनुसार सेवा के दौरान दिव्यांग हुए कर्मचारी का वेतन नहीं रोका जा सकता और न ही उसकी सेवा समाप्त की जा सकती है। ऐसे में याची का पति दिव्यांगता के कारण ली गई छुट्टियों के लिए वेतन का हकदार है। याची के पति की मौत हो चुकी है और ऐसे में अब पंजाब सरकार वेतन की राशि याचिकाकर्ता को 4 सप्ताह के भीतर जारी करे।