विदेशी लिंक वाले नेटवर्क की 300 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी का सीबीआई ने किया भंडाफोड़।

सीबीआई की जांच में धोखाधड़ी के इस मामले में 100 से अधिक शेल कंपनियों के शामिल होने के संकेत।
विशेष संवाददाता
नई दिल्ली। सीबीआई की एक साल से अधिक समय की जांच के बाद विदेशी तत्वों से जुड़े एक सॉफेस्टिकेटेड, कॉम्पलेक्स नेटवर्क का खुलासा हुआ है। इस नेटवर्क में शामिल लोगों ने भारतीयों को नौकरी और लोन का लालच देकर और साथ ही उन्हें पोंजी योजनाओं में निवेश करने की पेशकश करके बेवकूफ बनाया और धोखाधड़ी करके सैकड़ों करोड़ रुपये हड़प लिए। पैसा ट्रांसफर करने के लिए यूपीआई खातों के लिए एक कॉम्पलेक्स वेब, क्रिप्टोकरेंसी और इंटरनेशनल मनी ट्रांसफर का उपयोग किया गया था। सीबीआई ने हाल ही में मनी ट्रेल का विश्लेषण करने के बाद संदिग्धों से जुड़े कई स्थानों पर छापे मारे। चिंता की बात यह है कि सीबीआई की जांच इस मामले में 137 शेल कंपनियों के इसमें शामिल होने की ओर इशारा कर रही है। इनमें से कई बेंगलुरु में कंपनी रजिस्ट्रार के पास रजिस्टर्ड हैं।
सोशल मीडिया प्लेटफार्मों का किया इस्तेमाल
जालसाजोंने कथित तौर पर पीड़ितों को लोन, पार्ट टाइम जॉब और पोंजी स्कीम व मल्टीलेवल मार्केटिंग इनीशिएटिव में इनवेस्टमेंट का वादा करते हुए लुभाने के लिए विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों, उनके विज्ञापन पोर्टलों, एन्क्रिप्टेड चैट एप्लिकेशन और एसएमएस का इस्तेमाल किया।
पीड़ितों से यूपीआई के जरिए राशि जमा कराकर उन्हें हाई रिटर्न का लालच दिया गया था। यूपीआई खातों के एक कॉम्पलेक्स नेटवर्क के जरिए मनी लॉन्डरिंग की गई और फिर फर्जी प्रमाण-पत्रों का उपयोग करके क्रिप्टोकरेंसी या सोने की खरीद की गई।
137 फर्जी कंपनियों की पहचान
सीबीआई ने धोखाधड़ी में लिप्त 137 फर्जी कंपनियों की पहचान भी की है, जिनमें बड़ी संख्या उन कंपनियों की है जो बेंगलुरु में कंपनी रजिस्ट्रार के पास रजिस्टर्ड हैं। गहरी जांच के बाद इन कंपनियों के डायरेक्टरों की पहचान की गई है । इनमें से कुछ का संबंध बेंगलुरु स्थित एक पेआउट मर्चेंट से भी पाया गया है। यह मर्चेंट करीब 16 बैंक खातों को नियंत्रित करता था। इन खातों में 357 करोड़ रुपये जमा किए गए थे और फिर इस पैसे को विभिन्न खातों में ट्रांसफर कर दिया गया था। विज्ञप्ति में कहा गया है कि बेंगलुरु, कोचीन और गुड़गांव में तलाशी ली गई। इसमें शेल कंपनियों के डायरेक्टरों की करतूतें उजागर करने के लिए पर्याप्त सबूत मिले हैं।
विदेशी लिंक का खुलासा
इस मामले के आरोपियों का संबंध एक विदेशी नागरिक से भी पाया गया है। बेंगलुरु के दो चार्टर्ड अकाउंटेंटों की जांच करने पर पाया गया उन्होंने कथित तौर पर शेल कंपनियों से जुड़े डायरेक्टरों और उनके संपर्क की जानकारी बदल दी थी। उनके परिसरों की तलाशी ली गई थी
सीबीआई ने कहा कि तलाशी में दस्तावेज, ईमेल कम्युनिकेशन और व्हाट्सऐप चैट की बरामदगी हुई है। इससे धोखाधड़ी में विदेशी नागरिकों के शामिल होने और उनकी कथित भूमिका का पता चला है । सीबीआई द्वारा इस मामले में आगे की जांच जारी है।