स्पा सेंटर में देह व्यापार : रिसेप्शनिस्ट की जॉब पर पहुंची युवती को कस्टमर के पास भेजा
भोपाल। भोपाल में स्पा सेंटर के नाम पर सेक्स रैकेट संचालित होने का खुलासा हुआ है। सेंटर की संचालिका रिसेप्शनिस्ट के जॉब पर रखने के बहाने लड़कियों को इस धंधे में धकेल देती थी। इसका पता तब चला, जब एक युवती ने कस्टमर को खुश करने से मना कर दिया। युवती ने हंगामा करते हुए दोस्तों को बुला दिया। हंगामा बढ़ता देख संचालिका और कस्टमर युवती के हाथ-पैर जोड़ने लगे।
माफी मांगने के कारण मामला शांत हो गया, लेकिन बाद में युवती ने माता-पिता के कहने पर देर रात कोलार थाने में संचालिका और कस्टमर के खिलाफ छेड़छाड़ समेत अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज करा दी। फिलहाल किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। कोलार पुलिस के अनुसार अरेरा कॉलोनी ई-6 में रहने वाली 19 वर्षीय युवती ने बताया कि उसे जॉब की जरूरत थी। उसकी एक दोस्त ने उसे कोलार स्थित ईडन स्पा सेंटर की संचालिका का नंबर दिया था। उसने कहा था कि वह रिसेप्शनिस्ट की जॉब है।
संचालिका मुस्कान से उसकी फोन पर बात हुई। उसे जॉब मिल गई। उसके बाद वह कल यानी शुक्रवार को पहले दिन जॉब पर गई थी। शाम करीब 6:30 बजे मुस्कान ने उससे कहा, कस्टमर आया हुआ है। वह कमरे में जाकर टॉवेल आदि रख दें। युवती कमरे में टॉवेल रखने गई, तो कस्टमर मदन त्रिपाठी ने अंदर से कुंडी लगा दी और छेड़छाड़ करने लगा। युवती ने विरोध करते हुए मदन को धक्का दिया और कुंडी खोलकर बाहर आ गई। उसने अपने दोस्तों को फोन लगाकर बुला लिया, जिसके बाद स्पा सेंटर में हंगामा हुआ। मामले का खुलासा होने के बाद मुस्कान और मदन युवती के सामने गिड़गिड़ाने लगे, जिसके बाद सुलह हो गई।
माता-पिता के कहने पर एफआईआर हुई
काफी हंगामे के बाद युवती घर आ गई। उसने माता-पिता को घटना के बारे में बताया। इसके बाद माता-पिता ने उसे एफआईआर कराने की सलाह दी। देर रात कोलार थाने पहुंचे युवती ने मदन और मुस्कान के खिलाफ देह व्यापार और छेड़छाड़ समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज कराया। पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।
कोलार में 4 दिन के अंदर दूसरे स्पा सेंटर पर कार्रवाई
कोलार में स्पा सेंटर के नाम पर चल रहे सेक्स रैकेट का यह दूसरा मामला है। इससे 4 दिन पहले क्राइम ब्रांच पुलिस ने लंडर स्पा सेंटर पर दबिश देते हुए 3 युवतियों समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। इसमें लड़कियां नेपाल तक से लाई गई थी। यह 8 हजार रुपए महीने पर रखी जाती थी और फिर इनसे कस्टमर को खुश करने के लिए लगा दिया जाता था।