जंगल महकमे में ठेकेदारी प्रथा लागू करने के आदेश पर हाई कोर्ट जबलपुर ने दिया स्टे
Jabalpur High Court gives stay on the order to implement contractual system in forest department
Jabalpur High Court gives stay on the order to implement contractual system in forest department
भोपाल। अपर मुख्य सचिव वन के ठेके पर वानिकी कार्य कराने जाने संबंधित जारी आदेश पर उच्च न्यायालय ने स्थगनादेश दिया है। यह स्टे बालाघाट और सिवनी की वन समितियों की याचिका पर सुनवाई के दौरान दी। हाई कोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है। उच्च न्यायालय ने शासन के जवाब आने तक पुरानी व्यवस्था को लागू करने के निर्देश दिए हैं।
उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिकाकर्ताओं के वकील का तर्क है कि याचिकाकर्ता ग्राम वन समितियां हैं, जिन्हें सरकारी संकल्प दिनांक 22 अक्टूबर 2001 के अनुसार ग्राम सभा द्वारा पंजीकृत और शामिल किया गया था, जिसे सरकारी मानदंडों के अनुसार प्रकाशित किया गया था। वनों के संरक्षण एवं विकास हेतु जनसहयोग प्राप्त करने हेतु प्रस्ताव पारित किया गया। संयुक्त वन प्रबंधन (जेएफएम) के तहत वन प्रबंधन में स्थानीय लोगों की बेहतर भागीदारी और सहयोग को प्रोत्साहित करने के लिए ऐसा किया गया था।याचिकाकर्ता तीन वर्गीकरण के माध्यम से निविदा प्रक्रिया शुरू करने की अवधारणा से व्यथित हैं; टेंडर किए जाने वाले कार्य, विभाग द्वारा संचालित किए जाने वाले कार्य और विभागीय कार्य के लिए सामग्री की खरीद। वन ग्राम ने अपनी याचिका में यह भी कहा है कि पेसा एक्ट के तहत टेंडर के माध्यम से हो रही खरीदी में भी जेएफएम समितियां को प्राथमिकता दिया जाए। यहां यह उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश के सभी डीएफओ अपने चाहेते ठेकेदारों से खरीदारी करते हैं। उल्लेखनीय है कि ठेकेदारी लॉबी के दबाव में आकर तत्कालीन अपर मुख्य सचिव वन ने बन की कार्य और अन्य निर्माण कार्य ठेकेदार से करने के तीन अलग-अलग निर्देश जारी किए थे। शासन के आदेश के साथ ही ठेकेदारी प्रथा का विरोध शुरू हो गया था। लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को विज्ञापन सौंप कर ठेकेदारी प्रथा से स्थानी रोजगार छिन जाने की आशंका वन समिति के पदाधिकारी ने व्यक्त किए थे। मुख्यमंत्री यादव पर भरोसा न होने पर बालाघाट ग्राम वन समिति के पदाधिकारी ने उच्च न्यायालय जबलपुर में ठेकेदारी प्रथा से कार्य करने के आदेश को चुनौती दी है।