November 21, 2024

क्या यूपी में दलितों का BJP से मोहभंग? बीएल संतोष ने पार्टी नेताओं के साथ किया मंथन

0

Are Dalits in UP disillusioned with BJP? BL Santosh brainstormed with party leaders

Are Dalits in UP disillusioned with BJP? BL Santosh brainstormed with party leaders

Are Dalits in UP disillusioned with BJP? BL Santosh brainstormed with party leaders

Are Dalits in UP disillusioned with BJP? BL Santosh brainstormed with party leaders

लोकसभा चुनाव में मिले झटकों के बाद यूपी में बीजेपी एक्टिव हो गई है. बीजेपी नेता और महामंत्री (संगठन) बीएल संतोष की आज पार्टी के दलित नेताओं के साथ अहम बैठक हुई है. इस बैठक में यह जानने का प्रयास किया गया कि यूपी के दलित वोटरों में किस बात की नाराजगी है, जिसका असर लोकसभा चुनाव में देखने को मिला.

लोकसभा चुनाव के बाद यूपी में एक बात जोर पकड़ने लगी है कि क्या दलितों का बीजेपी से मोहभंग हो गया है? यूपी में लोकसभा चुनाव के नतीजे तो यही कहते हैं. इस चुनाव में समाजवादी पार्टी के शानदार प्रदर्शन ने बीजेपी के लिए खतरे की घंटी बजा दी है. यूपी की राजनीति में जिसे नामुमकिन कहा जाता था, उसे अखिलेश ने मुमकिन कर दिया. जाटव वोटरों के एक हिस्से ने इस बार बीएसपी का साथ छोड़ कर साइकिल की सवारी कर ली. यूपी में इतना बड़ा उलटफेर क्यों और कैसे हुआ इसे जानने के लिए बीजेपी का महामंत्री (संगठन) बीएल संतोष ने पार्टी के दलित नेताओं के साथ बैठक कर नुकसान पर मंथन किया.

बताया जा रहा है कि बीएल संतोष की इस बैठक में यूपी के सभी सात दलित मंत्री शामिल हुए. बैठक में दलित समाज के कुछ और नेताओं को भी बुलाया गया था. बैठक में सभी से ये सवाल किया गया कि आखिर चुनाव खराब क्यों हुआ? इसे लेकर सभी से दो सुझाव भी मांगे गए हैं. बैठक में सभी ने कहा कि सरकारी नौकरी के बदले यूपी में अधिकतर काम आउटसोर्सिंग से हो रहे हैं. जिसमें आरक्षण का फार्मूला लागू नहीं होता है. पिछड़े और दलित समाज में इसका बहुत खराब मैसेज गया है. समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने इस नैरेटिव को आगे बढ़ाया जिससे पार्टी को नुकसान हुआ.

संविदा की नौकरियों में आरक्षण की मांग
इस बैठक में मौजूद एक मंत्री ने संविदा पर दिए जाने वाली नौकरी में आरक्षण का फार्मूला लागू करने की मांग की. उन्होंने ये भी कहा कि इसमें उसी कैटेगरी की महिलाओं की भी आधी हिस्सेदारी होनी चाहिए. यह बात सभी लोगों ने कहा कि विपक्षी आरक्षण खत्म करने का नैरेटिव चला कर बीजेपी का नुकसान कर दिया

उपचुनाव के लिए सभी से जमीन पर उतरने की अपील
राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने सभी दलित नेताओं की बात सुनी और उसे अपनी डायरी में नोट किया. उन्होंने भरोसा दिया की उनकी बातें केंद्रीय नेतृत्व तक पहुंचाई जाएगी. बैठक में मौजूद दलित नेताओं से कहा गया कि आगे दस सीटों पर विधानसभा के उपचुनाव हैं. सबको अभी से इस काम में जुट जाना है.

यूपी की राजनीति में कहा जाता है यादव और जाटव एक साथ वोट नहीं कर सकते, लेकिन इस बार के चुनाव में ऐसा हुआ है. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीएसपी और समाजवादी पार्टी का गठबंधन था. उसके बावजूद दलितों का वोट समाजवादी पार्टी में ट्रांसफर नहीं हुआ था.

17 से सीधे 8 सीटों पर फिसली बीजेपी
यूपी में लोकसभा की 17 सीटें एससी समाज के लिए आरक्षित हैं. दस साल पहले सभी सीटों पर बीजेपी को जीत मिली थी. फिर साल 2019 के चुनाव में 17 में से बीजेपी के पास 14 सीटें रह गईं, लेकिन इस बार के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के पास सिर्फ 8 सीटें रह गई हैं.

मतलब एससी और एसटी के लिए रिजर्व 17 में से अब सिर्फ आठ सीटें बीजेपी के पास हैं. समाजवादी पार्टी के 8 सांसद इस कोटे से चुने गए हैं जबकि कांग्रेस को एक सीट मिली है. अब खतरा इस बात का है कि अगर यही ट्रेंड रहा तो फिर बीजेपी के लिए आगे का रास्ता मुश्किल हो सकता है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

न्यूज़

slot server thailand super gacor

spaceman slot gacor

slot gacor 777

slot gacor

Nexus Slot Engine

bonus new member

https://www.btklpppalembang.com/

olympus

situs slot bet 200

slot gacor