Bharat Darshan : मथुरा श्री कृष्ण जन्मभूमि तक पहुंचाने का संपूर्ण मार्गदर्शन एवं कहा कहां घूमें
Bharat Darshan: Complete guidance to reach the birthplace of Shri Krishna in Mathura and where to visit.
भोपाल ! मथुरा उत्तर प्रदेश राज्य के पश्चिमी भाग में स्थित एक ऐतिहासिक और धार्मिक नगर है, जिसे विशेष रूप से हिंदू धर्म में श्री कृष्ण की जन्मभूमि के रूप में पूजा जाता है। यह नगर यमुना नदी के किनारे स्थित है और भारत के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है। मथुरा का धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यधिक है।
मथुरा का इतिहास
मथुरा का इतिहास प्राचीन काल से जुड़ा हुआ है और यह एक महत्वपूर्ण वैदिक नगर था। यह महाभारत काल में भी प्रमुख था और प्राचीन समय में मथुरा का महत्व धार्मिक दृष्टि से बहुत अधिक था। मथुरा को पौराणिक कथाओं में “मथुरापुर” के नाम से भी जाना जाता है। मथुरा का नाम संस्कृत शब्द ‘मात्र’ से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है ‘प्यार’ या ‘स्नेह’, और यह इस स्थान के महत्व को दर्शाता है।
श्री कृष्ण और मथुरा
श्री कृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ था। उनके जन्म से जुड़ी घटनाओं का वर्णन विशेष रूप से भगवद गीता, भागवतकथा, और महाभारत में मिलता है। कृष्ण का जन्म मथुरा के जेल में हुआ था, और उनकी माता देवकी और पिता वासुदेव थे। मथुरा के कंस के अत्याचारों से बचने के लिए वासुदेव ने कृष्ण को गोकुल में यशोदा के घर भेज दिया था। श्री कृष्ण ने अपने बाल्यकाल में मथुरा और गोकुल में कई लीलाएं की थीं, जो अब भी भक्तों के बीच प्रसिद्घ हैं।
कृष्ण का जीवन मुख्य रूप से उनके बाल्यकाल, यवकाल, और द्वारका के शासनकाल पर आधारित है। मथुरा में उनकी कई महत्वपूर्ण लीलाएं, जैसे कि कंस का वध और अपने माता-पिता को कंस के अत्याचार से मुक्त करना, हुईं। मथुरा में भगवान कृष्ण से जुड़ी कई पवित्र जगहें हैं, जैसे कि *जन्मभूमि मंदिर, जहां श्री कृष्ण का जन्म हुआ था, और *कंस किला, जो कंस द्वारा बनवाया गया था।
मथुरा के प्रमुख स्थल
- श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर – यह मथुरा का सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है, जहां भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था। यहां हर साल जन्माष्टमी के अवसर पर बड़े धूमधाम से उत्सव मनाए जाते हैं।
- वृन्दावन – मथुरा के पास स्थित वृन्दावन भी श्री कृष्ण से जुड़ा हुआ एक महत्वपूर्ण स्थल है। यह स्थान कृष्ण की गोपियों के साथ रासलीला के लिए प्रसिद्ध है।
- गोवर्धन – यह स्थान मथुरा से कुछ किलोमीटर दूर है और यहां भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी अंगुली पर उठाकर गोकुलवासियों को इंद्रदेव के क्रोध से बचाया था।
- बांके बिहारी मंदिर – यह मंदिर वृन्दावन में स्थित है और श्री कृष्ण के प्रमुख मंदिरों में एक है, जहां कृष्ण के बाल रूप की पूजा की जाती है।
- केशी घाट और द्वारकाधीश मंदिर – मथुरा में कई अन्य प्रमुख घाट और मंदिर भी हैं, जो कृष्ण के विभिन्न रूपों से जुड़े हुए हैं।
मथुरा का सांस्कृतिक महत्व
मथुरा का सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व अत्यधिक है, और यह स्थान भारतीय संस्कृति, संगीत, कला, और साहित्य के प्रमुख केंद्रों में से एक रहा है। यहां की संस्कृति में राधा-कृष्ण की प्रेमकथा की प्रमुखता है, जो विभिन्न कला रूपों में व्यक्त की जाती है, जैसे कि संगीत, नृत्य, चित्रकला और साहित्य।
मथुरा में आयोजित होने वाले प्रमुख उत्सवों में जन्माष्टमी, दीपावली, और राधा अष्टमी विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं। इन अवसरों पर मथुरा में लाखों श्रद्धालु आते हैं और भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं।
इस प्रकार मथुरा न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण केंद्र भी है, जहां से भगवान श्री कृष्ण की भक्ति और प्रेम की भावना फैलती है।