थम गया चुनाव प्रचार अभियान, 17 को मतदाता करेंगे प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला।
कोई भी दल अब नहीं कर सकेगा चुनाव प्रचार।
प्रचार बंद होने के बाद के 48 घंटे बहुत अहम।
मतदान खत्म होने तक शराब बिक्री पर रोक।
संतोष सिंह तोमर
भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए सभी राजनीतिक दलों द्वारा चलाया जा रहा प्रचार अभियान थम गया। अब कोई भी राजनीतिक दल खुलेआम प्रचार प्रसार नहीं कर सकेगा। प्रचार अभियान बंद होने के बाद के 48 घंटे सभी राजनीतिक पार्टियों के लिए बहुत ही अहम माने जा रहे हैं। इन 48 घंटों के दौरान गुप चुप तरीके से सभी दल मतदाताओं को अपने पक्ष में मतदान करने के लिए लुभाने का प्रयास करते हैं लेकिन इन पर चुनाव आयोग की कड़ी नजर रहेगी। अब कोई भी राजनीतिक पार्टियों का नेता या कार्यकर्ता चुनाव प्रचार करते हुए पाया गया तो पुलिस उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकती है। इसके साथ ही चुनाव आयोग के निर्देश पर प्रचार अभियान बंद होने के साथ ही प्रदेश भर में शराब बिक्री पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
शाम 6 बजे थम गया चुनाव प्रचार का पहिया
मध्यप्रदेश में 17 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान का पहिया शाम 6 बजे थम गया। जबकि बालाघाट, मंडला और डिंडोरी के नक्सल प्रभावित जिलों में चुनावी अभियान दोपहर तीन बजे बंद हो गया था। मध्यप्रदेश की 230 विधानसभा सीटों के लिए कुल 2533 उम्मीदवार मैदान में हैं, जहां सत्ता के लिए बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधी लड़ाई है।
मध्य प्रदेश में 5,60,60,925 वोटर्स कैंडिडेट की किस्मत का फैसला तय करेंगे। इसमें 2,88,25,607 पुरुष, 2,72,33,945 महिलाएं और 1,373 थर्ड जेंडर हैं। मध्य प्रदेश में शुक्रवार यानी 17 नवंबर को वोटिंग होनी है। यहां एक चरण में ही मतदान होगा। राज्य के 2,049 मतदान केंद्रों पर वोटिंग सुबह 7 बजे शुरू हो जाएगी, जो कि शाम 6 बजे तक चलेगी।
स्टार प्रचारकों ने किए रोड शो और जनसभाएं
चुनाव प्रचार के आखिरी दिन कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने अंतिम समय में अपने-अपने उम्मीदवारों के लिए वोटर्स को लुभाने की कोशिश की। आखिरी दिन समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी रैलियों को संबोधित किया।
चुनाव प्रचार में पीएम मोदी, अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित अन्य लोगों ने राज्य का दौरा किया और सभी 230 सीटों पर बीजेपी के उम्मीदवारों के लिए समर्थन जुटाने के लिए चुनावी सभाओं को संबोधित किया। उधर, कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, कमल नाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अपने 230 उम्मीदवारों के लिए समर्थन जुटाने के लिए सार्वजनिक रैलियां कीं। चुनाव प्रचार के दौरान विपक्षी गठबंधन में दरार भी स्पष्ट रूप से देखी गई।
राजनीतिक दलों के लिए अगले 48 घंटे बहुत अहम
अगले 48 घंटे अब किसी तरह का प्रचार, रोड शो, जनसभा, रैली, नुक्कड़ सभाएं कुछ भी नहीं किए जा सकेंगे। लेकिन राजनीतिक पंडित बताते हैं कि इन 48 घंटों में ही बीजेपी और कांग्रेस सहित सभी पार्टियों के कार्यकर्ता घर-घर दस्तक देंगे। देर रात तक हर गली-मोहल्ले में और बंद कमरों में राजनीतिक बिसात सेट की जाएंगी। इन अंतिम क्षणों में राजनीतिक पार्टियां हर सीट पर गोलबंदी करने और मौखिक रूप से जीत-हार को प्रचारित करने की कोशिश करेंगी, जिससे वोटिंग के दिन 17 नवंबर तक हर पार्टी और हर प्रत्याशी अपने फेवर में माहौल बना सके। लेकिन ये सब बिना किसी शोर-शराबे के होगा और चुपचाप किया जाएगा।
शराब बिक्री पर रहेगा पूर्ण प्रतिबंध
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से मतदान कराने के लिए प्रचार अभियान थमने के साथ ही चुनाव आयोग के निर्देश पर प्रदेश भर में शराब बिक्री पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। प्रचार अभियान बंद होने के समय से ही सभी शराब दुकानों को बंद करा दिया गया है। शराब बिक्री पर लगा प्रतिबंध मतदान प्रक्रिया समाप्त होने के समय तक लागू रहेगा। मतदान प्रक्रिया समाप्त होने के बाद ही शराब की दुकानें खोली जा सकेंगी। इस प्रतिबंध के दौरान यदि कोई शराब दुकान खुली पाई गई या चोरी छुपे शराब बिक्री पकड़ी गई तो संबंधित ठेकेदार के विरुद्ध भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही अवैध रूप से शराब बिक्री करने वालों पर भी पुलिस नजर रखे हुए है।