February 6, 2025

यूरोपीय एजेंसी का दावा इतिहास का सबसे गर्म साल बना 2024

0

लंदन
यूनियन कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस (C3S) ने खुलासा किया है कि साल 2024 इतिहास का सबसे गर्म साल रहा है. इस साल गर्मी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. ऐसी ही गर्मी की आशंका अगले साल के लिए भी है. यह खुलासा क्लाइमेट चेंज को रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा 300 बिलियन डॉलर्स की डील के दो हफ्ते बाद हुआ है.

C3S ने कहा है कि जनवरी से नवंबर तक औसत वैश्विक तापमान (Average Global Temperature) प्री-इंडस्ट्रियल एरा यानी 1850 से 1900 की तुलना में डेढ़ डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहा है. इससे पहले सबसे गर्म साल का रिकॉर्ड 2023 के नाम था. साल 2024 में पूरी दुनिया और ज्यादा गर्म हो गई.

इटली और दक्षिणी अमेरिका में भयानक सूखा रहा. नेपाल, सूडान और यूरोप में बाढ़ आई. मेक्सिको, माली, सऊदी अरब में हीटवेव्स की वजह से हजारों लोग मारे गए. अमेरिका और फिलिपींस में खतरनाक साइक्लोन ने तबाही मचाई. वैज्ञानिकों की स्टडी ने यह बात स्पष्ट तौर पर कही है कि ये सब इंसानों द्वारा किए जा रहे जलवायु परिवर्तन का नतीजा है.

इस साल नवंबर महीना भी रहा गर्म

इस साल का नवंबर महीना पिछले साल के नवंबर महीने के बाद दूसरा सबसे गर्म महीना था. कॉपरनिकस क्लाइमेट रिसर्चर जुलियन निकोलस ने कहा कि हमारी दुनिया लगातार गर्मी के नए रिकॉर्ड तोड़ रही है. वैश्विक तापमान लगातार बढ़ रहा है. अगले कुछ महीनों में यह स्थिति और भी ज्यादा बिगड़ सकती है.

खत्म करना होगा CO2 का उत्सर्जन

लगातार जीवाश्मन ईंधन जलाने की वजह से जो कार्बन डाईऑक्साइड उत्सर्जन हो रहा है, उसकी वजह से ही तापमान बढ़ रहा है. इस उत्सर्जन को जीरो करना जरूरी है. नहीं तो पूरी दुनिया तंदूर की तरह जलने लगेगी. कई देशों ने यह भरोसा दिलाया है कि वो इसे कम करेंगे, इसके बावजूद इस साल CO2 उत्सर्जन रिकॉर्ड स्तर पर रहा.

अगले साल पर रहेगी सबकी नजर

इंपीरियल कॉलेज लंदन के वैज्ञानिक फ्रेडरिक ओट्टो ने कहा कि वैज्ञानिक इस समय ला नीना पर भी नजर रख रहे हैं. क्योंकि इससे अगले साल तापमान कम हो सकता है. इसकी वजह से समंदर की गर्मी कम होगी. वो ठंडे होंगे. इस साल अल-नीनो की वजह से गर्मी बढ़ी थी. अगले साल तापमान में थोड़ी गिरावट आने की संभावना है. लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि राहत मिलेगी. अगले साल भी हीटवेव, सूखा, जंगली आग और साइक्लोन जैसी घटनाएं देखने को मिलेंगी.

कई देशों में हीटवेव से हजारों की मौत

इससे पूर्व 2023 इतिहास का सबसे गर्म वर्ष दर्ज किया गया था। जबकि नवंबर 2023 के बाद नवंबर 2024 इतिहास का सर्वाधिक गर्म माह दर्ज किया गया। इस वर्ष मौसम के चरम पर पहुंचने की कई घटनाएं देखने को मिलीं।

इनमें इटली और दक्षिण अमेरिकी में गंभीर सूखा, नेपाल, सूडान और यूरोप में जानलेवा बाढ़, मेक्सिको, माली और सऊदी अरब में हीटवेव से हजारों की मौत के साथ ही अमेरिका और फिलीपींस में विनाशकारी चक्रवात जैसे मौसम के गंभीर दुष्परिणाम शामिल हैं। विज्ञानियों ने इन सभी प्राकृतिक आपदाओं के पीछे मानव की भूमिका बताई है।

भारत के मौसम विभाग के मुताबिक, 1901 के बाद से भारत के लिए यह दूसरा सबसे गर्म नवंबर रहा है। इश दौरान औसत अधिकतम तापमान 29.37 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो कि सामान्य से 0.62 डिग्री सेल्सियस ज्यादा है।
 
2024 में जनवरी से नवंबर तक की बात करें तो औसत वैश्विक तापमान 1991-2020 के तापमान से करीब 0.72 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहा है। वहीं, जनवरी-नवंबर 2023 के मुकाबले इस साल इसी दौर में तापमान 0.14 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहा।
 
1.50 डिग्री सेल्सियस से अधिक होने की संभावना
 
यूरोपीय एजेंसी के वैज्ञानिकों ने कहा कि 2023 का तापमान पूर्व-औद्योगिक काल के स्तर से 1.48 डिग्री सेल्सियस अधिक था, इसलिए यह भी लगभग निश्चित है कि 2024 का वार्षिक तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस अधिक होगा।

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

slot server thailand super gacor

spaceman slot gacor

slot gacor 777

slot gacor

Nexus Slot Engine

bonus new member

olympus

situs slot bet 200

slot gacor

slot qris

link alternatif ceriabet

slot kamboja

slot 10 ribu

https://mediatamanews.com/

slot88 resmi

slot777

https://sandcastlefunco.com/

slot bet 100

situs judi bola

slot depo 10k

slot88

slot 777

spaceman slot pragmatic

slot bonus

slot gacor deposit pulsa

rtp slot pragmatic tertinggi hari ini

slot mahjong gacor