November 22, 2024

नवंबर में भी उत्तराखंड में पारा सामान्य से चार डिग्री अधिक

0

देहरादून.
प्रदेशभर में वर्षा न होने से मैदानी क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान सामान्य से चार डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया जा रहा है, जिससे नवंबर के पहले पखवाड़े में भी सर्दी का एहसास नहीं हो रहा है। दून और ऊधमसिंह नगर का न्यूनतम तापमान सोमवार को सामान्य से चार डिग्री अधिक क्रमश: 16.2 और 16.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। मुक्तेश्वर और टिहरी जैसे पहाड़ी क्षेत्रों का न्यूनतम तापमान भी सामान्य से दो डिग्री सेल्सियस अधिक बना रहा। इससे इन क्षेत्रों में जितनी ठंड होनी चाहिए, उसका इस बार एहसास नहीं हो रहा है।

मौसम विज्ञान केंद्र से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले चार दिनों में मौसम शुष्क रहने की संभावना है। मैदानी क्षेत्र देहरादून, रुड़की, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर में सुबह के समय कुहासा व धुंध छाए रहने की संभावना है। दोपहर को पहाड़ी क्षेत्रों में चटख धूप खिलने का अनुमान है। दून का अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस अधिक 27.8 व न्यूनतम सामान्य से 4 डिग्री सेल्सियस अधिक 16.1 रहा।

तीन अक्टूबर को लौटा था मानसून, तब से वर्षा नहीं हुई
इस बार तीन अक्टूबर को मानसून के उत्तराखंड से विदा होने के बाद अभी तक मैदानी क्षेत्रों में वर्षा नहीं हुई है, जिससे तापमान अब भी सामान्य से अधिक बना हुआ है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार दून समेत मैदानी क्षेत्रों में सुबह कुहासा व धुंध छाने के आसार हैं। अन्य जिलों में मौसम शुष्क बना रह सकता है। तापमान में कहीं-कहीं मामूली गिरावट के आसार हैं। फिलहाल प्रदेश में वर्षा के आसार नहीं हैं।

सर्द मौसम आ रहा है, शीत लहर से बचाव को अभी से कर लें तैयारी
स्वास्थ्य विभाग की मासिक बैठक में सीएमओ डा. मनोज शर्मा ने कहा कि सर्द मौसम में शीत लहर से बचाव के लिए अस्पतालों में अभी से पर्याप्त इंतजाम कर लें। एसीएमओ डा. राजेश आर्या ने संस्थागत प्रसव बढ़ाने, जननी सुरक्षा योजना का लाभार्थियों को लाभ देने के निर्देश दिए।

सोमवार को मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में मासिक बैठक की अध्यक्षता करते हुए सीएमओ डा. शर्मा ने कहा कि कार्यक्रमों को सफल बनाने के लिए नीतिगत तरीके से कार्य किए जाएं। उन्होंने अधीनस्थों को सभी अस्पतालों का स्थलीय निरीक्षण करने के भी निर्देश दिए। इससे पूर्व बैठक में परिवार नियोजन की अस्थायी व स्थायी विधियों पर व्यापक चर्चा हुई।

एसीएमओ डा. आर्या ने कहा कि टीबी के लक्षण वाले व्यक्तियों के बलगम की जांच को प्राथमिकता से किया जाए। निक्षय मित्र की ओर से टीबी रोगियों को गोद लेकर उन्हें पोषण किट दें। हैपेटाइटिस बी, सी के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि अस्पताल में पर्याप्त दवाइयां हैं। एचआइवी एड्स की रोकथाम के लिए जांच व इलाज में किसी भी तरह की कोताही न बरती जाए।

कहा कि सर्दी के मौसम की शुरुआत हो गई है। शीत लहर चलने से पहले ही अस्पतालों के प्रसव कक्ष, इमरजेंसी व वार्डों में हीटर व ब्लोवर लगाएं और कंबलों की व्यवस्था की जाए। जिन अस्पतालों में रैन बसेरा बने हैं, वहां तीमारदारों की सुविधाओं का भी ध्यान रखें।

बैठक में एसीएमओ डा. हरेंद्र मलिक, डा. एसपी सिंह के खटीमा नागरिक अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक डा. बीपी सिंह, सितारगंज से संदीप कौर, जसपुर के डा. धीरेंद्र गहलोत, बाजपुर के डा. पीडी गुप्ता, काशीपुर के डा. राजीव पुनेठा, रुद्रपुर के चिकित्साधिकारी डा. उदय शंकर आदि थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

slot server thailand super gacor

spaceman slot gacor

slot gacor 777

slot gacor

Nexus Slot Engine

bonus new member

https://www.btklpppalembang.com/

olympus

situs slot bet 200

slot gacor