Inflation hits, pulses, ghee, oil, flour become expensive, kitchen affected
लोकसभा चुनाव के बाद एक बार फिर महंगाई की मार ने घरों का बजट बिगाड़ दिया है। महज एक महीने में रोजमर्रा की खाद्य सामग्री सहित कई वस्तुओं की कीमत में 15 से 20 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हुई है।
महंगाई का असर
हाल यह हो गया कि देसी घी, चना दाल, सरसों का तेल व आटा व चीनी के दाम करीब 15 से 50 रुपये प्रति किलो तक बढ़े हैं। रसोई व होटलों में सबसे अधिक उपयोग होने वाली खाद्य सामग्री आटा, चावल एवं दाल के भावों में आ रही तेजी के कारण मध्यम वर्गीय परिवारों के सामने घर चलाना मुश्किल हो गया है।
बढ़ रही मुश्किलें
खाद्य सामग्रियों के मूल्य में वृद्धि से कम आय, नौकरीपेशा और मध्यम वर्ग की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं। महंगाई की मार सिर्फ आटा, चावल, दाल पर नहीं है बल्कि धनिया, जीरा और हल्दी ने भी अपने रिकार्ड तोड़ दिए हैं।
पशु पालन हुआ महंगा
प्रदेश में अधिकांश आबादी की अर्थव्यवस्था प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि या पशुपालन व्यवसाय से जुडी हुुई है। पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने के बाद अब पशु चारे के दाम आसमान छूने लगे हैं। पशुपालकों के अनुसार चावल का चारा महज पन्द्रह दिन में ही प्रति मण 40 रुपए प्रति किलो ग्राम तक बढ़ गया है।
लोगों का कहना है
सब्जी और दाल, मसाले तक भी महंगे हो गए हैं। इससे घर का खर्चा चलाना मुश्किल हो गया है। रसोई में आटा, राशन और मसालों की जरूरत होती है, खाद्य तेल के साथ दाल महंगी हो गई है। हर चीज के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इससे रसोई का बजट गड़बड़ा रहा है। महंगाई से रसोई का बजट गड़बड़ा गया है। खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण बहुत जरूरी है।