April 2, 2025

भारत के इतिहास का वो काला दिन, जब पड़ी थी हिंदुस्‍तान के खूनी बंटवारे की नींव

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That dark day in the history of India

That dark day in the history of India

That dark day in the history of India

That dark day in the history of India, when the foundation of the bloody partition of Hindustan was laid

सम्पादकीय लेख

भोपाल। भारत के इतिहास में 15 जून 1947 का दिन कभी भुलाया नहीं जा सकता है. आज ही के दिन भारत के दो टुकड़े करने की नींव पड़ी थी. 1947 में, ब्रिटिश गवर्नर जनरल लॉर्ड माउंटबेटन ने भारत के विभाजन की योजना तैयार की थी.

साल 1947 से पहले पाकिस्‍तान का कोई वजूद नहीं था. भारत से ही कट कर पाकिस्‍तान बना. देश को 2 टुकड़ों में बांटने की प्रक्रिया में 15 जून 1947 बेहद अहम दिन रहा. कांग्रेस ने 1947 में 14-15 जून को नयी दिल्ली में हुए अपने अधिवेशन में बंटवारे के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. इसके जरिए, अंग्रेज आजादी की आड़ में भारत को कभी न भरने वाला यह जख्म दे गए, जिसकी दर्दनाक यादें कभी भुलाई नहीं जा सकती हैं. बंटवारे के दौरान जो कत्‍लेआम हुआ, उसमें हजारों बेकसूर हिंदू और मुसलमान मारे गए थे. बंटवारे के उस दुखद इतिहास में 15 जून का दिन कभी भुलाया नहीं जा सकता है आज भी लोग उस दौरे की बातें कर सिहर उठते हैं.

रातोंरात लोगों की पूरी दुनिया ही बदली

देश का बंटवारा सिर्फ दो मुल्कों का नहीं, बल्कि घरों का, परिवारों का, रिश्तों का और भावनाओं का बंटवारा था. इस बंटवारे के फैसले ने रातोंरात लोगों की पूरी की पूरी दुनिया ही बदल दी. इस दौरान कोई बेघर हुआ, तो किसी को नफरत की तलवार ने काट डाला. किसी का भाई सीमापार चला गया, तो कोई अपने परिवार को छोड़कर इस ओर चला आया. एक रात पहले तक भाइयों की तरह रहने वाले दो समुदायों के लोग हमसाए से अचानक दुश्मन बन गए और इस बंटवारे ने दोनों समुदायों के लोगों के दिलों में नफरत की ऐसी खाई खोद दी, जिसे पाटने की कोई कोशिश आज तक कामयाब नहीं हो पा रही है।

मारे गए थे लाखों लोग

सरहद के दोनों ओर बंटवारे के दौरान काफी कत्‍लेआम हुआ था. इस दौरान लाखों लोग मारे गए थे. सैकड़ों बच्‍चे बेघर हो गए थे. जान बचाने के लिए लोगों ने रातोंरात अपना घर छोड़ दिया था और पैदल ही सुरक्षित जगहों की तलाश में निकल पड़े थे. यह एक ऐतिहासिक घटना थी जिसने करोड़ों लोगों के जीवन को प्रभावित किया. 14 जुलाई 1947 को, भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम पारित हुआ, जिसने भारत को दो स्वतंत्र देशों, भारत और पाकिस्तान में विभाजित किया.

अंग्रेजों ने बढ़ाए थे मतभेद

ब्रिटिश शासन ने भारत में ‘फूट डालो और शासन करो’ की नीति अपनाई, जिसके कारण हिन्दू और मुस्लिम समुदायों के बीच मतभेद बढ़ गए. मुस्लिम लीग ने ‘अलग राष्ट्र’ की मांग की, जिसके परिणामस्वरूप भारत का विभाजन हुआ. ऐसे में लाखों लोग अपने घरों को छोड़कर दूसरे देश में जाने को मजबूर हुए और दोनों तरफ लाखों लोगों की हत्या हुई. 1947 में, ब्रिटिश गवर्नर जनरल लॉर्ड माउंटबेटन ने भारत के विभाजन की योजना तैयार की थी. 15 अगस्त 1947 को, भारत और पाकिस्तान स्वतंत्र राष्ट्र बन गए

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