डिंडोरी अस्पताल में अमानवीयता की हद: पति की मृत्यु के बाद गर्भवती पत्नी से कराया बेड साफ़, प्रशासन पर उठे सवाल
The height of inhumanity in Dindori Hospital: After the death of the husband, the pregnant wife was made to clean the bed, questions raised on the administration
मध्यप्रदेश के डिंडोरी जिले के सरकारी अस्पताल में एक हृदयविदारक घटना सामने आई है, जिसमें एक व्यक्ति की मृत्यु के तुरंत बाद उसकी पाँच महीने की गर्भवती पत्नी को बेड की सफाई करने के लिए मजबूर किया गया। जिस महिला ने अभी-अभी अपने पति को खोया था और दुःख में डूबी हुई थी, उसे प्रशासन द्वारा इस तरह का काम सौंपा गया, जो मानवीय संवेदनाओं की पूरी तरह अनदेखी को दर्शाता है।
घटना ने उठाए प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल
यह घटना प्रशासनिक संवेदनहीनता की ओर इशारा करती है। सवाल उठ रहा है कि क्या सरकारी अस्पताल में सफाई व्यवस्था इतनी लचर है कि एक शोकाकुल गर्भवती महिला से ही सफाई कराई जाए। अस्पताल प्रशासन के इस रवैये को लेकर आम जनता में आक्रोश है। इस घटना ने सरकारी अस्पतालों की लापरवाही और गरीब मरीजों के प्रति संवेदनहीनता की पोल खोल दी है।
मुख्यमंत्री से कार्रवाई की माँग
घटना के सामने आने के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की माँग की जा रही है। ऐसे अमानवीय कृत्यों के प्रति शासन की अनदेखी से लोगों में आक्रोश बढ़ रहा है। कई लोगों ने यह भी सवाल उठाया है कि क्या गरीब तबके के लोगों के प्रति सरकारी अस्पतालों में मानवीय व्यवहार की उम्मीद नहीं की जा सकती?
स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार की आवश्यकता
यह घटना इस बात को दर्शाती है कि प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में केवल चिकित्सा सुविधाओं में ही नहीं, बल्कि कर्मचारियों के संवेदनशीलता और प्रशिक्षण पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है। आम जनता यह आशा करती है कि शासन ऐसी घटनाओं से सबक ले और अस्पतालों में मानवीयता और संवेदनशीलता को सर्वोपरि रखा जाए।
अस्पताल प्रशासन की ऐसी घटनाएँ स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रश्न चिह्न लगाती हैं और गरीब परिवारों के प्रति संवेदनशीलता की कमी को उजागर करती हैं। मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य विभाग से उम्मीद है कि वे इस मामले में गंभीरता से कदम उठाएँगे, ताकि भविष्य में कोई गरीब परिवार ऐसी अमानवीयता का शिकार न हो।