उद्धव गुट के विधायकों ने विधानसभा में नहीं ली शपथ, आदित्य ठाकरे बोले- EVM के रिजल्ट स्वीकार नहीं
मुंबई
महाराष्ट्र विधानसभा के तीन दिन के सत्र में शनिवार को नए विधायकों ने शपथ ली। प्रोटेम स्पीकर कालिदास कोलंबकर ने उन्हें शपथ दिलाई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य के रूप में शपथ ली। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने भी महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य के रूप में शपथ ली। सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने के तुरंत बाद विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर कालिदास कोलंबकर ने तीनों नेताओं को विधायक के रूप में शपथ दिलाई। हालांकि इस दौरान शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के विधायकों ने शपथ लेने से इनकार कर दिया। उन्होंने ईवीएम पर शक जताया है।
शिवसेना यूबीटी नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) के जीते हुए विधायकों ने शपथ नहीं ली। उन्होंने कहा कि हमने फैसला किया है कि हमारे (शिवसेना यूबीटी) जीते हुए विधायक शपथ नहीं लेंगे। विधानसभा में हम लोगों ने इसका बायकॉट किया है।
शिवाजी की प्रतिमा पर लगाए नारे
आदित्य ठाकरे ने कहा कि अगर यह लोगों का जनादेश होता तो लोग खुश होते और जश्न मनाते, लेकिन लोगों ने कहीं भी इस जीत का जश्न नहीं मनाया। हमें ईवीएम पर संदेह है। आदित्य ठाकरे अपनी पार्टी के सभी विधायकों समेत विधानसभा पहुंचे। यहां वे सभी छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के पास पहुंचे। उन्होंने प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और फूल चढाए। शिवाजी की जयकारे लगाए और फिर सदन के अंदर शपथ न लेने की बात फिर दोहराई।
अजित पवार बोले- ईवीएम को दोष देने का कोई मतलब नहीं
वहीं उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने विपक्ष के ईवीएम विरोध पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'ईवीएम पर कोई भी आपत्ति अनुचित है. ईवीएम को दोष देने का कोई मतलब नहीं है. जब एमवीए को लोकसभा में 31 सांसद मिले थे, तब उन्होंने ईवीएम को दोष नहीं दिया था. उन्हें विरोध करने का पूरा अधिकार है, लेकिन सदन की कार्यवाही में भाग लेने के लिए विपक्ष को शपथ लेनी होती है. वे कल तक शपथ ले सकते हैं. ऐसा लगता है कि वे इस तरह के विरोध के माध्यम से अपनी मौजूदा ताकत दिखाना चाहते हैं.'
5 दिसंबर को बनी नई सरकार
5 दिसंबर को नई सरकार ने शपथ ली, जिसमें देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बने, जबकि एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह में 40,000 से अधिक लोगों ने भाग लिया, जिसमें लगभग 2,000 वीवीआईपी शामिल थे।
पीएम मोदी और भाजपा के शीर्ष नेता अमित शाह, जेपी नड्डा और राजनाथ सिंह उन नेताओं में शामिल थे जिन्होंने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इस बड़े अवसर पर 19 राज्यों के मुख्यमंत्री भी पहुंचे थे। विपक्षी महा विकास अघाड़ी के नेता उद्धव ठाकरे और शरद पवार भी इस भव्य समारोह में शामिल हुए। मुकेश अंबानी जैसे उद्योगपति, फिल्मी सितारे और धार्मिक नेता भी आजाद मैदान में मौजूद थे।