ग्वालियर जू में बाघ शावक की मौत।

#image_title
ग्वालियर। शहर के गांधी प्राणी उद्यान में पांच माह की मादा बाघ शावक की अचानक मौत का मामला सामने आया है।गुरुवार देर रात चिड़ियाघर में अचानक तबियत बिगड़ने के कुछ देर बाद ही शावक ने दम तोड़ दिया था। जिसके बाद शुक्रवार दोपहर सेंट्रल “जू’ अथॉरिटी के नियम अनुसार पोस्टमार्टम के साथ ही प्रक्रिया को फॉलो करते हुए शावक पूरे विधि विधान के साथ दाह संस्कार किया गया। प्राथमिक रिपोर्ट में मौत की वजह कार्डियक अरेस्ट बताई गई है। विस्तार से जांच के लिए शावक के ऑर्गन्स जबलपुर लैब भेजे गए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्वालियर के फूलबाग स्थित गांधी प्राणी उद्यान चिड़ियाघर में मादा बाघ शावक की गुरुवार रात अचानक पिंजरे में तबीयत खराब हो गई थी, जिसकी सूचना कर्मचारियों द्वारा दी प्राणी उद्यान के डॉ. उपेन्द्र यादव को दी। इस सूचना के मिलते ही मौके पर पहुंचे डॉक्टर ने केज में जाकर शावक को चेक किया लेकिन बहुत देर हो गई थी और शावक ने दम तोड़ दिया था। जिसके बाद डी.एफ.ओ. अंकित पांडेय की मौजूदगी में शावक का पोस्टमार्टम किया गया। प्राथमिक रिपोर्ट में जानकारी सामने आई है कि शावक की मौत कार्डियक अरेस्ट की वजह से हुई है। सेंट्रल “जू’ अथॉरिटी के नियमों के तहत शावक का चिड़िया घर में ही दाह संस्कार किया गया, मौत की मुख्य वजह सामने आ सके इसके लिए डीएफओ की मौजूदगी में शावक के सभी अंगों की जांच करने के बाद उन्हें जबलपुर लैब भेजा गया है। लैब रिपोर्ट आने पर ही शावक की मौत के वास्तविक कारणों का पता चल सकेगा।
इस मामले में डी.एफ.ओ. अंकित पांडेय का कहना है कि हाल ही में कुछ मामले ऐसे सामने आए है, जहां इंफेक्शन के चलते शावको की मौत हो चुकी है। ऐसे में शावकों के वेक्सीनेशन का प्रॉपर ध्यान रखा जा रहा है। चिड़ियाघर में अब कुल 9 बाघ बचे है। जिनमे 4 शावक शामिल हैं।
गौरतलब है कि ग्वालियर के चिड़ियाघर में 20 अप्रैल 2023 को मादा बाघ मीरा ने तीन शावकों को जन्म दिया था। जिनमें एक सफेद और दो पीले शावक शामिल थे। मृतक शावक के पिता का नाम लव है, 45 दिन के लंबे आइसोलेशन पीरियड के बाद बाघ के शावकों को बाड़े में रिलीज किया गया था। तभी से हर रोज इन सभी शावकों का रुटीन चेकअप के साथ ही प्रोसीजर के तहत डाइट भी दी जा रही है, लेकिन गुरुवार देर रात अचानक पीली मादा टाइगर शावक के मुँह से झाग निकला और देखते ही देखते उसने दम तोड़ दिया था। फिलहाल डीएफओ ने चिड़ियाघर का निरीक्षण करने के बाद व्यवस्थाओं को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश भी प्रबंधन को दिए हैं।