नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की हालिया रिपोर्ट ने सरकार की कई योजनाओं में चल रही गड़बड़ियों को किया उजागर
CAG की हालिया रिपोर्ट ने सरकार की कई योजनाओं में चल रही गड़बड़ियों का उजागर किया
चुनावी साल में भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) एक बार फिर सुर्खियों में है. कैग की हालिया रिपोर्ट ने सरकार की कई योजनाओं में चल रही गड़बड़ियों का उजागर किया है. इनमें आयुष्मान योजना, अयोध्या विकास परियोजना और द्वारका एक्सप्रेस-वे का निर्माण प्रमुख हैं.
कैग की रिपोर्ट आने के बाद विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार की घेराबंदी कर दी है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा- मोदी सरकार ने भ्रष्टाचार के 75 वर्ष के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. कांग्रेस के जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री से पूरे मामले में चुप्पी तोड़ने के लिए कहा है.
यह पहली बार नहीं है, जब कैग की रिपोर्ट ने सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हो. कैग रिपोर्ट की वजह से मुख्यमंत्री और मंत्रियों की कुर्सी तक जा चुकी है. इतना ही नहीं, कैग की रिपोर्ट से बने भ्रष्टाचार के माहौल में पूरी मनमोहन सरकार ही चली गई.
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भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक गिरीश चंद्र मुर्मू
चुनावी साल में भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) एक बार फिर सुर्खियों में है. कैग की हालिया रिपोर्ट ने सरकार की कई योजनाओं में चल रही गड़बड़ियों का उजागर किया है. इनमें आयुष्मान योजना, अयोध्या विकास परियोजना और द्वारका एक्सप्रेस-वे का निर्माण प्रमुख हैं.
कैग की रिपोर्ट आने के बाद विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार की घेराबंदी कर दी है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा- मोदी सरकार ने भ्रष्टाचार के 75 वर्ष के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. कांग्रेस के जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री से पूरे मामले में चुप्पी तोड़ने के लिए कहा है.
यह पहली बार नहीं है, जब कैग की रिपोर्ट ने सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हो. कैग रिपोर्ट की वजह से मुख्यमंत्री और मंत्रियों की कुर्सी तक जा चुकी है. इतना ही नहीं, कैग की रिपोर्ट से बने भ्रष्टाचार के माहौल में पूरी मनमोहन सरकार ही चली गई.
ऐसे में आइए जानते हैं, कैग कैसे काम करता है और इसकी रिपोर्ट ने कब-कब सत्ता की मुश्किलें बढ़ा दी?
CAG क्या है, कैसे काम करता है?
संविधान में सरकारी खर्च की पड़ताल के लिए एक सरकारी एजेंसी बनाने का प्रावधान है. अनुच्छेद 148 के मुताबिक इस एजेंसी के प्रमुख की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा किया जाएगा. प्रमुख को उसी तरह से हटाया जा सकता है, जिस तरह सुप्रीम कोर्ट के एक जज को.
संविधान के अनुच्छेद 149, 150 और 151 में कैग के कामकाज और शक्तियों के बारे में जिक्र है. कैग का काम सभी सरकारी संस्थाओं का ऑडिट करना है और उसकी रिपोर्ट संसद या विधानसभा के पटल पर रखना है. वर्तमान में कैग 2 तरह से ऑडिट करता है. 1. रेग्युलेरिटी ऑडिट और 2. परफॉर्मेंस ऑडिट.
रेग्युलेरिटी ऑडिट को कम्पलायंस ऑडिट भी कहते हैं. इसमें सभी सरकारी दफ्तरों के वित्तीय ब्यौरे का विश्लेषण किया जाता है. विश्लेषण में मुख्यत: यह देखा जाता है कि सभी नियम-कानून का पालन किया गया है या नहीं? 2जी स्पैक्ट्रम की नीलामी का मामला रेग्युलेरिटी ऑडिट की वजह से ही उठा था.
इसी तरह परफॉर्मेंस ऑडिट में कैग यह पता लगाया जाता है कि क्या सरकारी योजना शुरू करने का जो मकसद था, उसे कम खर्च पर सही तरीके से किया गया है या नहीं? इस दौरान योजनाओं का बिंदुवार विश्लेषण किया जाता है.
कैग की ताजा रिपोर्ट में क्या है?
– हरियाणा से दिल्ली तक बन रहे द्वारका एक्सप्रेस-वे में हो रही गड़बड़ियों का कैग ने उजागर किया है. कैग के मुताबिक सरकार ने 18 करोड़ रुपए में इसे बनाने की अनुमति दी थी, लेकिन NHAI इसे बनाने में 250 करोड़ रुपए का खर्च कर रहा है.
– आयुष्मान योजना में हुई धांधली का खुलासा भी कैग की रिपोर्ट में हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक आयुष्मान योजना के तहत 3,446 ऐसे मरीजों के इलाज पर 6.97 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया, जो पहले ही मर चुके थे.
– अयोध्या विकास को लेकर बनाए जा रहे स्वदेश दर्शन योजना पर भी कैग ने सवाल उठाया है. कैग के मुताबिक इस परियोजना में ठेकेदारों को 19.73 करोड़ रुपये का अनुचित लाभ दिया गया है.
– कैग रिपोर्ट के मुताबिक आयुष्मान योजना के तहत 7.5 लाख लाभार्थी एक ही संख्या के मोबाइल नंबर से जुड़े हुए हैं. रिपोर्ट में भारी धांधली का जिक्र किया गया है.