कांग्रेसी विधायक अजब सिंह एमपी एमएलए कोर्ट से बरी।
ग्वालियर। मध्य प्रदेश के मुरैना जिले की सुमावली विधानसभा से कांग्रेस विधायक अजब सिंह कुशवाह को विधानसभा चुनाव के ठीक पहले बड़ी राहत मिली है। ग्वालियर में एमपी एमएलए कोर्ट ने तीन दिन में लगातार दो गंभीर आपराधिक मामलों में सुमावली विधायक को दोषमुक्त कर दिया। जून 2016 में बहोड़ापुर थाना में कब्रिस्तान की करोड़ों रुपए की जमीन के विवाद पर गोलीबारी में दर्ज हत्या के प्रयास के मामले में कोर्ट ने फैंसला सुनाते हुए विधायक को निर्दोष करार देकर दोषमुक्त कर दिया है। कांग्रेस विधायक अजब सिंह के साथ ही उनके साथियों को भी कोर्ट ने राहत दी है। अजब सिंह को दो दिन पहले बुधवार को हजीरा में एक करोड़ से ज्यादा की धोखाधड़ी के षड़यंत्र के मामले में भी दोषमुक्त किया गया था। दो दिन में यह दूसरा मामला सामने आया है जिसमें कांग्रेस नेता को दोषमुक्त किया गया है।
मुरैना के सुमावली से कांग्रेस विधायक व प्रॉपर्टी कारोबारी अजब सिंह कुशवाह के लिए बीते दो दिन बड़ी राहत लेकर आए हैं। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले 20 सितंबर 2023 को हजीरा में जमीन की धोखाधड़ी से जुड़े एक मामले में एमपी एमएलए कोर्ट ने विधायक को निर्दोष करार देते हुए दोषमुक्त कर दिया है। विधायक के साथ ही उनके दामाद रंजीत सिंह भी इस मामले में आरोपी थे इसलिए उनको भी राहत मिली है। कोर्ट ने किसी तरह का कोई जुर्माना नहीं लगाया है। इसके ठीक दो दिन बाद 22 सितंबर 2023 को बहोड़ापुर में जमीन को लेकर हत्या के प्रयास के मामले में भी कांग्रेस विधायक अजब सिंह को कोर्ट ने दोषमुक्त घोषित किया है।
यह था पूरा मामला
शहर के बहोड़ापुर थानाक्षेत्र स्थित शील नगर सागरताल रोड अंबेड़कर पार्क किन्नर कब्रिस्तान के पास कब्रिस्तान की जमीन है। 18 जून 2016 को इस जमीन पर JCB, ट्रैक्टर चलाने की सूचना मिलने पर आरिफ और रज्जाक वहां पहुंचे तो आरोपी अजब सिंह कुशवाह ट्रैक्टर चलवाते हुए मिला था। जिस पर आरिफ ने कहा कि कब्रिस्तान की जमीन कैसे उसकी हो गई। इस पर अजब सिंह ने कहा था कि एक काम करते हैं मैं और तुम दोनों कागज लेकर बैठ जाते हैं। जिसके पास कागज होंगे वह जमीन का मालिक होगा। इसके बाद दोनों पक्ष चले गए, लेकिन अगले दिन 19 जून 2016 को जब सुबह 9.45 बजे जब आरिफ और रज्जाक जमीन पर पहुंचे तो वहां अजब सिंह JCB, ट्रैक्टर चलवाते मिला। इस पर आरिफ ने टोका कि कागज लेकर बातचीत की बात हुई थी फिर यह काम क्यों करवा रहे हो। इस समय अजब सिंह के साथ दयानंद यादव, शैलू व इन्द्रजीत व अन्य लोग थे। सभी के हाथ में बंदूकें थीं। यहां दयानंद ने गोली मारी जो आरिफ के पेट में लगी। इस झगड़े में अजब सिंह की ओर से तीन फायर हुए थे। बाद में पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घायलों को हॉस्पिटल पहुंचाया और हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया था।