नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के अधीक्षक ने की आत्महत्या।
ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के अधीक्षक के आत्महत्या करने का मामला सामने आया है। बताया गया है कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के अधीक्षक ने सल्फास खाने के बाद अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। अस्पताल की सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाने के बाद आत्महत्या के मामले में मर्ग कायम कर लिया है। आत्महत्या के मामले में पुलिस को कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है लेकिन ग्रह क्लेश के चलते डिप्रेशन में रहने की बात जरूर सामने आई है। पुलिस गंभीरता से मामले की जांच कर रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के अधीक्षक सिल्वा मुरुगन ने आत्महत्या के लिए पहले कोल्ड ड्रिंक में चूहे मारने वाला सल्फास मिलाकर पी लिया, इसके बाद नींद की कई गोलियां भी खाईं थी। जब देर रात उनकी हालत बिगड़ने लगी तब घरवालों को पता चला जिसके बाद परिजनों ने तत्काल उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया, जहां हालत नाजुक होने पर उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। अस्पताल के आईसीयू में तीन दिन तक जिंदगी की जंग लड़ने के बाद उन्होंने दम तोड़ दिया। अस्पताल से उनकी मौत की सूचना मिलने के बाद पहुंची मुरार थाना पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाने के बाद मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी है। जांच में पता लगा है कि अधीक्षक सेल्वा मुरुगन ने पत्नी से विवाद के चलते 4 माह पहले भी आत्महत्या की कोशिश की थी। पुलिस के अनुसार मृतक मुरुगन का अभी तक कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। आत्महत्या की वजह का खुलासा फिलहाल नहीं हो सका है। पुलिस ने बताया कि अभी तक परिजनों द्वारा कोई भी बयान दर्ज नहीं कराया गया है। अंत्येष्ठि होने के बाद उनसे पूछताछ की जाएगी।
चार माह पहले भी की थी आत्महत्या की कोशिश।
जांच में पता लगा कि अधीक्षक सेल्वा मुरुगन ने 4 माह पहले भी अपनी जान देने की कोशिश की थी। पत्नी से विवाद होने के बाद डिप्रेशन में आये सेल्वा मुरुगन 31 मई को खुदकुशी करने की मंशा से ऑटो से ग्वालियर रेलवे स्टेशन पहुंचे थे, लेकिन इसकी भनक पाकर पीछे से उनकी पत्नी भी वहां पहुंच गईं थी। जिसके बाद उनकी पत्नी ने स्टेशन डायरेक्टर और आरपीएफ की मदद से खोजबीन कर उन्हें आत्महत्या करने से रोक लिया था। बताया जा रहा है कि इसके बाद वहां पर अधिकारियों ने पति-पत्नी के बीच विवाद को खत्म कराने के लिए उनकी काउंसलिंग भी की थी।