November 22, 2024

आवास योजना में गड़बड़ झाला तय समय सीमा में नहीं बने मकान ठेकेदार पर अफसर मेहरबान

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कटनी । 2017 में बिलहरी मार्ग पर झिंझरी मोड़ की पहाड़ी में जरुरतमंदाें के लिए 1512 आवासों के निर्माण की आधारशिला रखी गई। इनका निर्माण 18 माह में पूर्ण करने का काम ठेका कंपनी बीआरपी एसोसिएट को दिया गया। ठेका कंपनी ने सरकार की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री आवास को पलीता लगाती रही और ठेकेदार पर नगर निगम के अफसर मेहरबान रहे। तय मियाद में काम नहीं किया गया, जिसपर आजतक कोई कार्रवाई नहीं की गई। हैरानी की बात तो यह है कि नगर निगम ने अतिरिक्त भुगतान किया, फिर कुछ माह पहले एक करोड़ रुपए जारी किए, ठेकेदार ने कुछ दिन काम लगाया और अब फिर काम बंद कर दिया गया है। ठेकेदार द्वारा काम बंद किए जाने पर एक बार फिर नगर निगम ने ठेकेदार को 20दिन पहले नोटिस जारी किया गया, लेकिन अबतक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

जानकारी के अनुसार यहां पर इडब्ल्यूएस के 792 जिसमें जी/पी+3, एलआइजी के 384 पी+6 व एमआइजी के 336 पी+6 फ्लैट बनने थे। 113.05 करोड़ की टेंडर लागत व एग्रीमेंट लागत 117.46 करोड़ रुपये तय की गई थी। 30 नवंबर 2017 से 18 माह में काम पूरा करना करना था। लेकिन ठेकेदार बीआरपी एसोसिएट ने काम समय पर नहीं किया और एमआइसी ने 29 मई 2020 तक के लिए वर्षाकाल छोड़कर 8 माह के लिए बढ़ाने पैरवी भी की थी, फिर 6 माह कोरोना के कारण बढ़े, लगातार मियाद बढ़ती रही, लेकिन एक भी भवन बनकर तैयार नहीं हुआ।

नोटिस के जवाब में मांगा भुगतान

नगर निगम द्वारा 20 दिन पहले ठेका कंपनी बीआरपी एसोसिएट को नोटिस दिया गया। बताया जा रहा है कि नोटिस कि जवाब में ठेकेदार ने फिर से 4 करोड़ रुपए मांग लिए हैं। ठेकेदार ने कहा है कि पहले भुगतान किया जाए, फिर काम शुरू करेंगे। कोई प्रभावी पहल न होने से काम ठप पड़ा है। उल्लेखनीय है कि यहां पर इडब्ल्यूएस के मकान 2 लाख रुपए में जरुरतमंदों को नगर निगम द्वारा दिया जाना था, जो आजतक नहीं दिया गया। इसके अलावा एलआइजी 16.50 लाख रुपए में व एमआइजी- 25.25 लाख रुपए में देने थे। यह महत्वाकांक्षी योजना धरी की धरी रह गई।

4 करोड़ का हो गया था अतिरिक्त भुगतान

दो साल पहले नगर निगम द्वारा यह कहा जा रहा था कि ठेकेदार द्वारा 4 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भुगतान लेने के बाद भी काम बंद कर दिया गया है, जबकि ठेकेदार द्वारा कम भुगतान बताया जा रहा है। भोपाल मुख्यालय से जांच कमेटी गठित की गई थी, फिर जांच में 50 लाख रुपए का ही अतिरिक्त भुगतान होना बताया गया था।

इजिस कंपनी की भी बेपरवाही

नगर निगम के अनुसार इजिस द्वारा पूरे काम को देखा जा रहा था। स्वतंत्र कंपनी के अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा बिलिंग में गड़बड़ी की गई। पहले ज्यादा भुगतान करा दिया फिर डिफरेंस निकाल दिया गया। ठेकेदार को नोटिस दिया गया, ठेकेदार को पक्ष रखने का समय दिया गया है, समय पर जवाब न मिलने पर हटाने की कार्रवाई प्रचलित की गई, लेकिन अबतक बात नहीं बनी।

बड़ी कंपनियाें के ठेकेदार टेंडर ले लेते हैं और फिर समय पर काम नहीं करते। मल्टी का काम न करने वाले ठेकेदार को नोटिस दिया गया है। कंपनी ने फिर से 4 करोड़ रुपए भुगतान के लिए मांग की है। ठेकेदार को बुलवाया गया है। शीघ्र यदि काम नहीं शुरू किया जाता तो वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।

विनोद कुमार शुक्ला, आयुक्त नगर निगम

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