इंदौर निगम कमिश्नर के आदेश की धज्जियाँ! आश्रय निधि शुल्क की आड़ में घपला !
मध्यप्रदेश सरकार से शिकायत पर आश्रय निधि घोटाले की शिकायत के बाद आश्रय निधि के नाम से इतने
सरकुलर,अमेटमेंट निकाल दिये की कल्पना नही की जा सकती! अब तक अरबों के इस घोटाले की जाँच पर पर्दा डालता आयी है सरकार!
इंदौर नगर निगम के भ्रष्ट अफसरो ने एक बार फिर आश्रय निधि शुल्क की आड़ में घपला कर डाला!31 जुलाई 2023 में निगमायुक्त ने एक आदेश निकाला जिसमे साफ़ साफ़ लिखा की “गेर आवासीय प्रकरण,वाणिज्यिक भवन में भी आश्रय शुल्क की राशि ली जाना प्रावधानित है ?
बी ओ नियमानुसार कार्यवाही करे!निगमायुक्त के आदेश की ठीक आठ दिन बाद यानी आठ अगस्त को अनूप गोयल और नागेंद्र सिंह भदोरिया की मिली भगत से झोन ११ में नक़्शा स्वीकृत किया गया जिसमें लेंडयूज प्लान कमर्शियल है जो की सक्षम अधिकारी (बिना टी एन सी पी )के स्वीकृत नही किया जा सकता ?फिर भी बी ओ बी आई ने निगम कमिश्नर के आदेश को धता बताते हुवे भू स्वामी से साठगाठ कर नक़्शे स्वीकृत कर दिये जिससे निगम को लगभग दो करोड़ अनुमानित राजस्व का नुक़सान हुवा ! डाटा फ़ार्म भरते ही नक़्शे साइन कर दिये इस मामले में अनूप गोयल की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे है!अनूप गोयल की नौकरी छोड़ने के बाद नियुक्ति और मलाईदार पद पर पोस्टिंग से महापौर और निगमायुक्त की भूमिका पर भी सवालिया निशान खड़े हो रहे है!
नगर निगम इंदौर इस तरह के प्रकरणों में कई बार चर्चा में आया है