कर्मवीर शर्मा खरगोन व भास्कर लक्षकार रतलाम जिला कलेक्टर नियुक्त।दो दिन पहले ही हटाये गए थे दोनों जिलों के कलेक्टर।चुनाव आयोग ने पुरानी शिकायतों पर किया फेरबदल।
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संतोष सिंह तोमर
भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के ठीक पहले पुरानी शिकायतों और बड़े नेताओं से नजदीकी के चलते चुनाव आयोग द्वारा किये गए फेरबदल के कारण खाली हुए खरगोन व रतलाम जिलों में शनिवार शाम नये कलेक्टरों की नियुक्ति कर दी गई। चुनाव आयोग के निर्देश पर राज्य सरकार ने दोनों जिलों में कलेक्टर की नियुक्ति के आदेश जारी किए हैं। इस आदेश के तहत आईएएस कर्मवीर शर्मा को खरगोन जिले का कलेक्टर नियुक्त किया गया है। जबकि आईएएस अफसर भास्कर लक्षकार को रतलाम जिला कलेक्टर पदस्थ किया गया है। नवनियुक्त दोनों जिला कलेक्टरों को तत्काल प्रभाव से पदभार ग्रहण करने के आदेश दिए गए हैं।
जिला कलेक्टर खरगोन बनाये गए कर्मवीर शर्मा और रतलाम जिला कलेक्टर नियुक्त हुए भास्कर लक्षकार दोनों ही 2010 बैच के आईपीएस ऑफिसर हैं। कर्मवीर शर्मा इसके पहले “अपर आयुक्त, उच्च शिक्षा, मध्यप्रदेश, भोपाल तथा प्रबंध संचालक, ऊर्जा विकास निगम, भोपाल तथा पदेन अपर सचिव, मध्यप्रदेश शासन, ऊर्जा विभाग एवं आयुक्त, उच्च शिक्षा, मध्यप्रदेश,भोपाल (अतिरिक्त प्रभार)” के पद पर पदस्थ थे। जबकि रतलाम कलेक्टर बनाये गए आईएएस भास्कर लक्षकार वर्तमान में “वि.क.अ. सह आयुक्त सह संचालक, संस्थागत वित्त एवं अपर सचिव, मध्यप्रदेश शासन, वित्त विभाग” का दायित्व संभाल रहे थे।
हम आपको बता दें कि 2012 बैच के प्रमोटी IAS आईएएस व खरगोन कलेक्टर शिवराज वर्मा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के करीबी हैं और उनके पारिवारिक संबंध हैं। इसकी शिकायत पूर्व में भी हुई थी और बड़वानी में पदस्थापना के दौरान भी शिवराज वर्मा के खिलाफ शिकायत हुई थी। वर्मा की पदस्थापना चार माह पहले ही खरगोन कलेक्टर के रूप में की गई थी। जबकि 2011 बैच के प्रमोटी आईएएस नरेंद्र सूर्यवंशी निवाड़ी जिले में कलेक्टर रहने के दौरान विवादों में आए थे। वे विधानसभा उपचुनाव के दौरान निवाड़ी कलेक्टर रहे हैं, तब कांग्रेस ने उनके खिलाफ शिकायत की थी। वहीं पिछले दिनों नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने इनके खिलाफ खाद वितरण मामले में गड़बड़ी पर विधायक के खिलाफ FIR कराए जाने पर शिकायत की थी। आईएएस नरेंद्र सूर्यवंशी को भी चार माह पहले रतलाम पदस्थ किया गया था। निर्वाचन आयोग ने चुनाव में किसी तरह की विपरीत स्थिति न बने, इसलिए पहले ही दोनों अधिकारियों को हटा दिया था।