ग्राम नगपुरा में मछुआरों को मछली मारने से रोक रहे असामाजिक तत्व, थाने में हुई शिकायत

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बालाघाट, जिले के लालबर्रा थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम नगपुरा में कहार मछुआ समाज के लोगों को मछली मारने से रोकने सहित जान से मारने की धमकी देने का मामला प्रकाश में आया है। विदित हो कि रविवार अपराह्न 1:00 बजे ग्राम के ही लल्लूलाल कुराह, बसंत शांडिल्य, लक्ष्मी शांडिल्य, शिवराम कुशमारे, अखिलेश कुशमारे, दिलीप बागड़े, शेकचंद बागड़े, अजय कुशमारे, राज कुशमारे, धुपेंद्र कुराह, संदीप शांडिल्य, सुरेश शांडिल्य, सुनील शांडिल्य, सावन कुशमारे, अंकित कुशमारे, मिथुन शांडिल्य सहित अन्य ग्राम नगपुरा निवासी स्थानीय शासकीय तालाब में मछली मारने गए तभी गांव के व्यवहारिक रूप से कठोर प्रवृत्ति के असामाजिक व्यक्ति अर्जुन पुरी, डोमार पुरी, राजू पुरी, राजेश, रोशन, नरेंद्र गिरी,अशोक गिरी द्वारा लठ्ठ लेकर मारने हेतु आमदा होने लगे एवं जान से मारने की धमकी देते हुए गंदी- गंदी अश्लील गालियां देते हुए कहार मछुआरा समाज के सभी लोगों को धमकाया गया और मछली मारने से मना करते हुए लठ्ठ के बल पर जान से मारने की धमकी दी गई। जिसकी शिकायत पीड़ित मछुआरों द्वारा रविवार शाम को लालबर्रा थाने में दर्ज करा दी गई है। जिनका मुख्य धंधा मछली मारना एवं सिंघाड़ा की फसल उत्पादन कर अपने परिवार का भरण पोषण करना है। ग्राम नगपुरा के शासकीय तालाब “माता तालाब, बेल तालाब एवं चमर तालाब” कहार समाज के मछुआरे मछली बीज, सिंघाड़ा बीज डालकर फसल का उत्पादन करते हैं। आरोपीगण व्यवहारिक रूप से कठोर प्रवृत्ति के लोग हैं तथा दाब दबाव बनाकर लोगों के साथ अभद्रता करते रहते हैं तथा शासकीय तालाब से भी गरीब मजदूर को उनका व्यवसाय करने से ताकत के बल पर रोका जा रहा है। घटनास्थल पर पुलिस बल भी पहुंच चुका था। पीड़ित शिकायतकर्ताओं को तालाब में मछली मारने, सिंघाड़ा तोड़ने से रोकने के लिए आरोपीगण कोई अप्रिय घटना को अंजाम भी दे सकते हैं। पीड़ित मछुआरों ने थाना प्रभारी से निवेदन करते हुए आरोपी गणों के विरुद्ध शीघ्र अपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग की है। इस दौरान मछुआरा परिवार के बाल बच्चे माता बहनें और भारी संख्या में ग्रामीण जन उपस्थित रहे। जिन्होंने गरिब मछुआरों की रोजी-रोटी छीनने वाले व्यक्तियों पर कठोर कार्रवाई करने की मांग की है।
इनका कहना है-
दोनों पक्षों से शिकायत आवेदन प्राप्त हुए हैं, दोनों पक्षों को समझाईश दी गई है कि वाद- विवाद ना करें। शांति बनाए रखें, मामला न्यायालय में चल रहा है। न्यायालय का जो फैसला आएगा वह सर्वमान्य होना चाहिए। दोनों में से जो पक्ष लड़ाई झगड़ा मारपीट करेगा उस पर नियमानुसार विधिवत कार्रवाई करेंगे।