मध्यप्रदेश बीज खरीदी मे घपलेबाज़ी -अपर मुख्य सचिव ने बदला अपना ही आदेश -दलालों और अधिकारियों के सिंडिकेट की रहेगी चांदी –
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मध्यप्रदेश मे बीज खरीदी का मामला सामने आया है जहाँ दलालों के सिंडिकेट को बरकरार रखने के लिए उद्यानिकी विभाग के अपर मुख्य सचिव ने अपना ही आदेश बदल दिया है, अधिकारियों और बिचौलियों का यह खेल मध्यप्रदेश मे गहरी जडे जमा चुका है और एम पी एग्रो इसका एक बड़ा अड्डा बन चुका है |
प्रदेश मे सालों से चल रही बीज खरीद घोटाले मे परत -दरपरत दलालों और अधिकारियो की मिलीभगत उजागर हो रही है, बीज की खरीद सिर्फ एम पी एग्रो से हो इसके लिए उद्यानिकी विभाग के अपर मुख्य सचिव जे. एस. कंसोटिया ने अपने ही पुराने आदेश को बदल दिया है,
ज्ञात हो कि कमलनाथ सरकार गिरने के उपरांत प्रदेश कि सत्ता मे आसीन शिवराज सरकार के अधिकारी टमाटर के आलावा सभी बीज दोगुने से अधिक दामों मे खरीद रहे हैं सूत्रों की माने तो पड़ताल के बाद पता चला है कि इस प्रकरण मे एम पी एग्रो के आलावा उद्यानिकी विभाग के आला अफसरों की मिलीभगत भी आने लगी है कि कैसे अकेले एक आदेश से मध्यप्रदेश के जिलों के ग्रमीण विकास अधिकारी राष्ट्रीय बीज निगम के बजाय एम. पी एग्रो मे रजिस्टर्ड बिचौलियों से दोगुने से अधिक दामों पर बीज की खरीदी करने को बाध्य हो रहे हैं,
अधिकारियों और बिचौलियों के इस संगम से सरकार को करोडो का चूना लग रहा है, तथा जनता की गाढ़ी कमाई भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही है, शिवराज सरकार के अफसरों कि मनमानी भ्रष्टाचार को चरम पर ले जा रही है और मामा मुख़्यमंत्री आँखे मूँद कर बैठे हैं, विभाग के छोटे कर्मचारियों का कहना है कि बड़े अफसरों को सत्ता का संरक्षण प्राप्त है और इसी वजह से वह ऐसा कृत्य करने मे संकोच नहीं करते हैं तो क्या मुख़्यमंत्री कार्यालय तक इस सिंडिकेट के तार जुड़ें हैं यह एक बड़ा सवाल है परन्तु सत्ताधारी पार्टी के नेता भारत एवं दुनिया भर मे जिस भ्रष्टाचार मुक्त शाशन कि दुहाई देते फिर रहे हैं उनके दावों पर यह एक बड़ा काला धब्बा हैं सच ये भी है कि जो हो रहा है वह किसी मजबूत संरक्षण के बिना संभव भी नहीं है तो क्या सत्ताधारी पार्टी कि कथनी एवं करनी मे फर्क है सवाल अभी बाकी है..