मुख्यमंत्री बनते ही प्रदेश में बड़ी प्रशासनिक सर्जरी के आसार।
As soon as becoming the Chief Minister, signs of significant administrative changes in the state.
सचिवालय से सबसे पहले हटाए जाएंगे पीएस रस्तोगी, मुख्य सचिव के लिए तीन नाम का भेजा जाएगा डीओपीटी में पैनल
– मंत्रालय स्तर पर सचिव सेक्रेट्री सहित कई अन्य विभागों के अधिकारियों के भी होंगे ट्रांसफर
– प्रदेश में कानून व्यवस्था की समीक्षा के साथ कई जिलों के पुलिस अधीक्षकों के भी होंगे तबादले।
*उदित नारायण*
भोपाल। मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने वल्लभ भवन में अधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक के साथ ही प्रशासनिक हमले में हड़कंप मच गया है। इसके पीछे की वजह है कि जनता से जुड़े हुए कामकाज करने वाले अधिकारियों की पूछ परख ज्यादा होगी। मुख्यमंत्री यादव ने स्पष्ट अधिकारियों को निर्देश दिया है कि बिना भ्रष्टाचार की जनता से जुड़े हुए काम किए जाएं। सीएम के फरमान के बाद जरूर जल्द ही सर्जरी होगी सबसे पहले मुख्यमंत्री सचिवालय में लंबे समय तक पदस्थ रहे मनीष रस्तोगी को किसी और विभाग में पदस्थित किया जाएगा। मुख्यमंत्री सचिवालय में अनुभवी प्रमुख सचिव की पोस्टिंग होगी। जिन्हें कई विभागों में कामकाज का अनुभव रहा है। ऐसे में कई नाम सामने आ रहे हैं।
वही मार्च में 2024 मौजूदा मुख्य सचिव वीरा राणा भी रिटायर होगी। इससे पहले सरकार की कोशिश होगी कि तीन सीनियर आईएएस अधिकारियों के नाम का पैनल डीओपीटी भेजा जाएगा। जिससे मध्य प्रदेश में 2 से 3 साल तक फिक्स मुख्य सचिव की पोस्टिंग हो सके। मंत्रालय सूत्रों का कहना है कि दो से तीन विभाग में प्रमुख सचिव के पद खाली हैं अवसरों को प्रमोशन के साथ नई पोस्टिंग भी दी जाएगी मंत्रालय स्तर पर सचिव, डिप्टी सेक्रेटरी भी ट्रांसफर किए जाएंगे। कई सीनियर अधिकारियों की मीटिंग के बाद मंत्रालय में पदस्थ सक्रिय अधिकारियों को फ्रंट में लेकर आया जाएगा।
सबसे पहले नपेंगे बड़े जिले की कलेक्टर
– सूत्र बताते हैं कि तत्कालीन कलेक्टर ने जनता की कई मांगों को लेकर तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री और मौजूदा मुख्यमंत्री मोहन यादव को काफी परेशान किया था मोहन यादव ने इस बात की जानकारी संगठन को भी दी थी लेकिन सीनियर आईएएस अधिकारी के दबाव में कलेक्टर को नहीं हटाया गया अब सरकार के हाथ में कमान मोहन यादव के हाथ में है ऐसे में माना जा रहा है कि एक बड़े जिले के कलेक्टर को भी सबसे पहले हटाया जाएगा। सूत्र बताते हैं कि सीएम बनने के बाद कलेक्टर और सीएम सचिवालय में पदस्थ रहे मनीष रस्तोगी तक उनसे मिलने नहीं गए। हालांकि मंत्रालय आने के बाद प्रमुख सचिव औपचारिकता के तौर पर मुलाकात की।
सचिवालय में शिफ्ट होंगे उच्च शिक्षा विभाग के कई ओएसडी
– उच्च शिक्षा विभाग से जुड़े हुए अधिकारियों का कहना है कि मौजूदा मुख्यमंत्री पहले इसी विभाग के मंत्री थे। ऐसे में अपने भरोसेमंद और काबिल ओएसडी को सचिवालय में जगह देंगे। इसके पीछे का कारण है कि कैबिनेट की पहली बैठक में ही उच्च शिक्षा विभाग से जुड़े हुए कई फैसलों पर अमल किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शिक्षा से जुड़े हुए कार्यों को पूरा करने के लिए उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों को पदस्थ सीएम सचिवालय में किया जाएगा।