मेहगांव की जनआक्रोश रैली में लहराईं बंदूकें।
ग्वालियर/भिंड। जिले के मेहगांव में कांग्रेस पार्टी द्वारा आयोजित जन आक्रोश रैली में जहां एक ओर अंचल के वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं के साथ सैंकड़ों कार्यकर्ता शामिल हुए वहीं कुछ युवक हांथों में बंदूकें थामे हुए भी नजर आए।जन आक्रोश रैली में हथियारबंद युवकों के शामिल होने की खबर मिलने के बाद हरकत में आई पुलिस ने इन हथियारबंद युवकों को समझा-बुझाकर वापिस भेज दिया। पता चला है कि विधानसभा चुनाव में टिकट की दावेदारी करने वाले एक नेता इस रैली में अपनी अलग छवि दिखाने के लिए हथियारबंद सहयोगियों के साथ शामिल हुए थे।
वैसे तो चंबल क्षेत्र में बंदूकों का लहराया जाना कोई बड़ी बात नहीं है। हथियारों से चंबल इलाके का पुराना नाता है और यह बात देशभर में जाहिर है लेकिन बंदूक का शौक चुनाव के दौरान चरम पर देखने को मिल रहा है। कांग्रेस पार्टी द्वारा शुक्रवार को जन आक्रोश रैली निकाली गई। जो कल बुधारा पुल से होते हुए गोरमी में पहुंची थी। शुक्रवार को यह रैली गोहद, मेहगांव समेत दूसरे विधानसभा क्षेत्र में पहुंची। मेहंगाव विधानसभा क्षेत्र में टिकट की दावेदारी करने वाले एक नेता अपने समर्थकों के साथ शामिल हुए। यह समर्थक नेताजी के साथ हाथों में बंदूकों को लेकर चल रहे थे। हालांकि यह बंदूके लाइसेंसी थी और आत्मरक्षार्थ दी गई थी। परंतु जिस तरह से बंदूकें का जन आक्रोश रैली में शामिल हुई है। वह सब देखकर क्षेत्रीय लोगों के बीच चर्चा का विषय बना रहा। जब जन आक्रोश रैली में बंदूकों के साथ कुछ युवकों के चलने की जानकारी पुलिस अधिकारियों को मिली तो पुलिस हरकत में आई और रैली में बंदूकें लेकर चल रहे युवकों को सार्वजनिक रूप से हथियारों का प्रदर्शन ना करने के लिए समझाया। जिसके बाद उक्त सभी हथियारबंद युवकों को पुलिस ने रैली से वापिस लौटा दिया।
इस मामले में मेहगांव एसडीओपी का कहना है कि जन आक्रोश रैली में नेताओं के समर्थक बंदूक लेकर शामिल हुए हैं। यह बंदूकें लाइसेंसशुदा है जो की आत्मरक्षार्थ लेकर चल रहे थे। बंदूकधारियों को रैली से वापिस भेजते हुए हिदायत दी गई है कि रैलियों में बंदूक लेकर चलना प्रतिबंधित है यद्यपि आगे से ऐसा करते हुए पाए गए तो उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।