मैं चुनाव लड़ूं या नहीं लड़ूं:- शिवराज
ग्वालियर। बीजेपी के दिल्ली नेतृत्व के हाथों में चली आ रही मध्यप्रदेश विधानसभा की कमान के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जनसभाओं के दौरान भावुक नजर आ रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी केंद्रीय नेतृत्व में विधानसभा चुनाव की कमान पूरी तरह से अपने हाथों में ले रखी है। इसका उदाहरण भी केंद्रीय बीजेपी द्वारा जारी की जा रही विधानसभा प्रत्याशियों की सूची में साफ तौर पर देखा जा रहा है। अब तक बीजेपी ने तीन केंद्रीय मंत्रियों सहित चार सांसदों को विधानसभा का टिकट देकर चुनावी समर में भूचाल ला दिया है। आगामी विधानसभा चुनाव सीएम शिवराज सिंह चौहान के चेहरे पर लड़ा जाएगा या नहीं यह भी स्पष्ट नहीं है। दिल्ली से जारी इस उठापटक का दर्द सीएम शिवराज सिंह चौहान की सभाओं में उनकी जुबां पर भी आ रहा है।
यहां गौरतलब है कि सीएम शिवराज सिंह चौहान अपनी सभाओं में लगातार जिस तरह की बातें कह रहे हैं उन बातों को लेकर जहां आगामी विधानसभा चुनाव में उनके मुख्यमंत्री पद की दावेदारी को लेकर सन्देह की स्थिति निर्मित हो गई है। इसके साथ ही इन बातों से विपक्ष को भी बार बार शिवराज सिंह पर तंज कसने के मौका मिल रहा है। जिस प्रकार से भाजपा ने चुनाव प्रत्याशियों की तीन सूचियां जारी की हैं और इन सूचियों में अभी तक ना तो सीएम शिवराज सिंह का टिकट फाइनल किया है और ना ही अभी तक पार्टी ने मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर कोई घोषणा की है, उससे विपक्ष ने सीएम शिवराज सिंह को लेकर यहां तक कह दिया है कि पता नहीं इसबार भाजपा उन्हें चुनाव मैदान में उतारेगी भी या नहीं।
हम आपको बता दें कि सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अपनी गृह विधानसभा बुधनी की में सभा को संबोधित करते हुए जनता से पूछा कि मैं चुनाव लड़ूं या नहीं। सीएम शिवराज सिंह चौहान द्वारा दिए गए इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। इसके पहले भी सीएम शिवराज सिंह चौहान यह कहकर भी खलबली मचा चुके हैं कि मुझे पद का कोई लालच नहीं है। इतना ही नहीं बुदनी विधानसभा के लाड़कुई में कार्यक्रम में शामिल होने आए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने लाडली बहनों को संबोधित करते हुए कहा, ” बहनों मैंने सरकार नहीं परिवार चलाया है। मेरी बहना, ऐसा भैया मिलेगा नहीं, मैं चला जाऊंगा तब याद आऊंगा तुम्हें “। मुख्यमंत्री ने आगे कहा, मेरे लिए राजनीति का मतलब जनता की सेवा है।
आपको बता दें, इस बार मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव की कमान बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने अपने हाथों में ले रखी है। विधानसभा प्रत्याशियों की अब तक दो सूची बीजेपी ने जारी की है। दोनों ही सूची में 39-39 नाम हैं, जबकि एक नाम सिंगल है। इस सूची को देखकर सहज नजर आ रहा है कि विधानसभा प्रत्याशियों की सूची में मध्यप्रदेश के कद्दावर नेताओं की पलभर के लिए भी नहीं चल पा रही है। भाजपा ने चुनाव प्रत्याशियों के नामों को लेकर बहुत बड़ा फेरबदल किया है। कई विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव से लेकर केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को अभी तक चुनावी समर में उतार चुकी है और कई दिग्गज नेताओं और सांसदों के नाम अगली सूचियों में आने की प्रबल सम्भावनायें नजर आ रहीं हैं लेकिन वर्तमान में मध्य प्रदेश सरकार के मुखिया शिवराज सिंह चौहान और उनके विधानसभा क्षेत्र को लेकर पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की खामोशी ने राजनीतिक हलकों में अटकलों और चर्चाओं का का बाजार गर्म कर दिया है। इन अटकलों और चर्चाओं के बीच अब पक्ष और विपक्ष सभी भाजपा की आगामी सूचियों का इंतजार करते नजर आ रहे हैं,इनके साथ ही इंतजार तो हमें भी है। चलते चलते मीर तकी मीर के कलाम की एक पंक्ति याद आई आप लोग भी गौर करें।
“इब्तिदा-ए-इश्क है रोता है क्या,आगे-आगे देखिए, होता है”