हाईकोर्ट ने नेता प्रतिपक्ष पर ठोका दस हजार का जुर्माना। कहा- दबाव बनाने बेंच पर लगाए झूठे आरोप
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ग्वालियर। मध्यप्रदेश के नेता प्रतिपक्ष द्वारा कोर्ट में पेश किए गए आवेदन पर सुनवाई करते हुए एमपी हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ के जस्टिस दीपक अग्रवाल ने न सिर्फ आवेदन को खारिज कर दिया बल्कि लहार विधायक एवं नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह पर दस हजार रुपये का जुर्माना भी ठोक दिया।
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के नामांकन से जुड़े नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह के आवेदन को मप्र हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच के जस्टिस दीपक अग्रवाल ने खारिज करते हुए 10 हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया। जस्टिस दीपक अग्रवाल ने कहा कि हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की गई, जिसे खारिज कर दिया गया। इसके बाद हाई कोर्ट में आवेदन देते हुए याचिका की सुनवाई किसी अन्य कोर्ट में कराने की गुहार लगाई। साफ तौर पर ये प्रतीत होता है कि याचिकाकर्ता ने कोर्ट पर दबाव बनाने के लिए ये आवेदन प्रस्तुत किया और इसीलिए बेंच के खिलाफ झूठे आरोप लगाए गए। यदि याचिकाकर्ता, चुनाव याचिका की सुनवाई इस बेंच में कराने के इच्छुक नहीं थे, तो उन्हें ये आवेदन हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के समक्ष प्रस्तुत करना चाहिए था। अगली सुनवाई 25 को होगी।
दरअसल मध्यप्रदेश के नेता प्रतिपक्ष एवं लहार विधायक डॉ. गोविंद सिंह ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के राज्यसभा निर्वाचन को चुनौती देते हुए याचिका दायर की है। इसमें आरोप लगाया है कि सिंधिया ने नामांकन दाखिल करते हुए समय जो शपथ पत्र प्रस्तुत किया, उसमें भोपाल के पुलिस थाना श्यामला हिल्स में दर्ज एफआईआर की जानकारी का हवाला नहीं दिया। कुछ दिन पूर्व डॉ. गोविंद सिंह की ओर से हाई कोर्ट में आवेदन पेश किया गया, जिसमें मामले की सुनवाई अन्य बेंच में स्थानांतरित करने की गुहार लगाई गई थी।