हिंदू राष्ट्र की मांग को लेकर तपस्वी छावनी पीठाधीश्वर जगतगुरु परमहंस आचार्य आमरण अनशन पर बैठे।
The ascetic Chhawni Peethadhishwar Jagatguru Paramhans Acharya sat on a fast unto death demanding a Hindu nation.
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अन्न जल का परित्याग कर खुद को आश्रम के एक कमरे में कर लिया कैद।
अनशन रत परमहंसाचार्य के समर्थन में उतरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्तिदल।
संतोष सिंह तोमर
अयोध्या। हिंदू राष्ट्र की मांग को लेकर विश्व हिंदू सिक्ख महापरिषद के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष व तपस्वी छावनी पीठाधीश्वर जगतगुरु परमहंस आचार्य ने मंगलवार से आमरण अनशन शुरू कर दिया है। वह अपने आश्रम पर सुबह के 4 बजे से ही अन्नजल का त्याग कर आमरण अनशन पर बैठ गए हैं। उन्होंने खुद को आश्रम के एक कमरे में कैद कर लिया। है। साथ ही जिला प्रशासन पर जबरन आमरण अनशन तुड़वाने की साजिश करने का आरोप लगाया है। हम आपको बता दें कि परमहंसाचार्य ने हिंदू राष्ट्र घोषित ना होने पर आमरण अनशन करने की चेतावनी पहले ही दे दी थी।
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भी लिख चुके हैं कई पत्र
आमरण अनशन से जगतगुरु परमहंसाचार्य एक बार फिर से सुर्खियों में छा गए हैं। उन्होंने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए वह एक लंबे समय से संवैधानिक लड़ाई लड़ रहे हैं। इसके लिए उन्होंने पूरे देश में घूम- घूमकर हिंदू राष्ट्र की अलख जगाई। हिंदू राष्ट्र की मुहिम से भारत के कई हिंदूवादी संगठनों को भी जोड़ा। उनकी मांग थी कि 6 नवंबर 2023 तक भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाए। नही तो 7 नवंबर से अनजल का त्याग कर वह आमरण अनशन पर बैठ जायेंगे इसके लिए वह कई बार देश की राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिख चुके हैं, लेकिन उनकी मांग नहीं मानी गई, जिसके कारण उन्हें भारत को संवैधानिक रूप से हिंदू राष्ट्र घोषित करने हेतु अन्नजल का त्याग कर आमरण अनशन पर बैठना पड़ा है। राममंदिर के लिए उन्होंने 16 दिनों तक आमरण- अनशन किया था जो श्रीरामजन्मभूमि के फैसले में निर्णायक भी साबित हुआ था।
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सौ करोड़ हिंदुओं की मांग है हिंदू राष्ट्र
हिंदू राष्ट्र की मांग को लेकर उन्होंने सबसे पहले देश में आवाज उठाई और आमरण अनशन किया। आज हिंदू राष्ट्र की मांग पूरे देश की आवाज बन चुका है। जगतगुरु ने कहा कि हिंदू राष्ट्र सौ करोड़ हिंदुओं की मांग है। जब देश का बंटवारा धर्म के आधार पर हुआ। मुसलमानों को पाकिस्तान और बांग्लादेश दिया गया। जो मुस्लिम राष्ट्र बन चुका है, तो भारत हिंदुराष्ट्र क्यों नहीं बन सकता। उन्होंने कहा कि 1947 के बंटवारे से शेष जो भाग भारत बचा हुआ है। उसको जल्द से जल्द हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाए। भारतीय संस्कृति, सनातन धर्म व मानवता को बचाने के लिए भारत संवैधानिक रूप से हिंदू राष्ट्र बने।
एक परमहंस जाएंगे,तो लाखों परमहंस आयेंगे
देश में लगातार लव जेहाद की घटनाएं बढ़ रही हैं। बड़े-बड़े संवैधानिक पदों पर बैठे लोग सनातन धर्म को मिटाने की चुनौती दे रहे हैं। भारतीय संस्कृति, सनातन धर्म और मानवता को बचाने के लिए भारत हिंदू राष्ट्र घोषित हो इसके लिए हमारी मांग मान ली जाए। नही तो मेरा शरीर छूट जाए कोई बात नहीं एक परमहंस जायेंगे, तो न जानें कितने हजारों-लाखों परमहंस आयेंगे। परमहंसाचार्य के समर्थन में ओजस्वी फाउंडेशन महाराष्ट्र के एकनाथ महाराज, श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्तिदल के राष्ट्रीय प्रमुख राजेशमणि त्रिपाठी समेत सैंकड़ों आमरण अनशन स्थल पर मौजूद रहे।
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श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्तिदल ने दिया संपूर्ण समर्थन
जगतगुरु परमहंस आचार्य के आमरण अनशन को समर्थन देने श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्तिदल के राष्ट्रीय प्रमुख राजेशमणि त्रिपाठी तपस्वी छावनी पहुंचे। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्तिदल जगतगुरु परमहंस आचार्य के हिंदू राष्ट्र की मांग के समर्थन में पूरी तरह खड़ा है। यह कोई नाजायज नहीं बल्कि जायज मांग है। आखिर दुनिया में सबके तो अपने कहने के देश हैं। 85 प्रतिशत हिंदुओं को अपना कहने का कौन सा देश है। भाजपा की केंद्र सरकार से उम्मीद भी यही की जा रही थी कि हिंदू राष्ट्र जल्दी बन जाएगा। लेकिन जिस तरह हिंदू राष्ट्र बनाने में हीलाहवाली हो रही है उससे भाजपा सरकार से विश्वास उठता जा रहा है।
अनशन पर बैठे आचार्य ने खुद को किया ताले में कैद
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्तिदल के राष्ट्रीय प्रमुख राजेशमणि त्रिपाठी ने शासन-प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब मैं तपस्वी छावनी पहुंचा तो महाराज श्री एक कमरे में अपने आपको बंद करके आमरण अनशन कर रहे थे। पता चला कि पुलिस प्रशासन उनको उठाने के लिए तपस्वी छावनी पहुंच चुकी थी। मजबूरी में उन्होंने अपने आपको तालों के बीच कैद कर अपना अनशन जारी रखा है। भारत का शायद पहला ऐसा आमरण अनशन होगा। जहां पर किसी अनशनकारी को खुद की सुरक्षा के लिए अपने को तालों में बंद करना पड़ा। ऐसा शायद इतिहास में कहीं नहीं मिलेगा।
यह काम सरकार को खुद करना चाहिए
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्तिदल के राष्ट्रीय प्रमुख राजेशमणि त्रिपाठी ने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्य की बात है कि जो काम सरकार को खुद कर देना चाहिए था। उसके लिए एक संत को आमरण अनशन करना पड़ रहा है और उससे भी बड़ी दुर्भाग्य की बात यह है कि भगवान श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या नगरी की पावन धरती पर ऐसा हो रहा है। जबकि भारत सरकार को खुद ही आगे बढ़कर देश को हिंदू राष्ट्र घोषित करना चाहिए। परमहंस आचार्य के आमरण अनशन को श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्तिदल का पूर्ण समर्थन है और अंत तक रहेगा। जरूरत पड़ी तो श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्तिदल परमहंसाचार्य के समर्थन में अयोध्या की गलियों में भी समर्थन जुटाने के लिए निकलेगी ।