मोहन सरकार की रडार पर 50 IAS-IPS अफसर, भोपाल से दिल्ली तक स्कैनिंग.
50 IAS-IPS officers on Mohan government’s radar, scanning from Bhopal to Delhi
उदित नारायण
भोपाल। मप्र में नयी सरकार आने के बाद से नौकरशाह खुद को नये सेटअप में ढालने की कोशिश में जुटे हैं। इन नौकरशाहों के सामने दुविधा यह है कि वे पुरानी सरकार के बहुत करीब होने का खतरा भी झेल रहे हैं !
और चुनाव के दौरान तटस्थ होने की कोशिशों के सामने आने से घबरा भी रहे हैं। माना जा रहा है कि कई नए-पुराने अफसरों का ट्रेक रिकार्ड चैक किया जा रहा है। करीब पैंतीस ऐसे आईएएस अफसर और पंद्रह आईपीएस अफसरों के बीते छह महीने के काम और रूझान को रडार पर लिया गया है। यह स्कैनिंग भोपाल से दिल्ली तक चल रही है। इसे नये प्रशासनिक सेटअप की तैयारी और नये प्रशासनिक मुखिया के आगमन से भी जोड़ा जा रहा है।
बताया जाता है कि मप्र में कई वरिष्ठ पुलिस व प्रशासनिक अफसरों ने चुनाव के पहले हवाओं का रूख भांपने की कोशिश की थी और कांग्रेस के प्रति भी अचानक नरम रुख अख्तियार कर लिया था। अब इन अफसरों के बारे में अब यह बातें ‘ऊपर’ तक पहुंची हैं। इनमें अपर मुख्यसचिव से लेकर सचिव व कलेक्टर स्तर तक और एडीजी से लेकर एसपी स्तर तक के कुछ अफसरों के बारे में ब्योरा इकट्ठा किया गया है। गौरतलब है कि चुनाव के दौरान कभी भाजपा की हवा को कमजोर तो कभी कांग्रेस को मजबूत माना जाने लगा था। कुछ अफसरों ने कांग्रेस नेताओं से भी संबंध सहज बनाने की कोशिश की थी और कामकाज के दौरान ‘तटस्थ’ नजर आने लगे थे। भाजपा नेताओं ने भी इसे लेकर अपने ‘अनुभव’ संगठन को बताए थे।
मार्च से पहले करना है प्रशासनिक बंदोबस्त
दरअसल मप्र की मोहन यादव सरकार को मार्च के पहले पखवाड़े तक तमाम प्रशासनिक बंदोबस्त पूरे करने हैं। क्योंकि दूसरे पखवाड़े तक लोकसभा चुनाव का ऐलान व इसकी आचार संहिता लग जाने के आसार हैं। इसलिये वरिष्ठ स्तर पर मंत्रालय व पीएचक्यू से लेकर मैदानों जिलों तक अफसरों को नये सिरे से तैनात किया जाना है। कई अफसरों की मैदानों से मुख्यालयों में वापसी और कुछ की मुख्यालयों से मैदानों में रवानगी का प्राथमिक ड्राफ्ट भी बन रहा है। सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री, उनका सचिवालय के अलावा पार्टी संगठन से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण राय रखने वाले चेहरे इस काम में अलग अलग जुटे हैं। अभी मप्र की प्रशासनिक बुनावट विधानसभा चुनाव के मुताबिक पूर्ववर्ती शिवराज सरकार के समय की गई थी, इसमें पूर्व मुख्यसचिव की ‘कसीदारकारी’ भी शामिल थी, अब बदले हुए माहौल में बदला हुआ सेटअप बन रहा है।