Bandhavgarh Tiger Reserve: रेस्क्यू टीम ने घायल बाघिन को किया पिंजरे में कैद, इनक्लोजर में होगा उपचार
उमरिया जिले के विश्वप्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (BTR) के पतौर कोर परिक्षेत्र में पिछले एक महीने से दहशत फैलाने वाली एक बाघिन को अंततः पार्क प्रबंधन ने शुक्रवार सुबह सफलतापूर्वक पकड़ लिया। यह बाघिन कोठिया और कुशमहा गांवों में दो बार घुसपैठ कर एक वनकर्मी सहित तीन लोगों को घायल कर चुकी थी। ग्रामीणों में डर का माहौल बना हुआ था, जिसे देखते हुए पार्क प्रबंधन ने तत्काल रेस्क्यू अभियान चलाया।
प्रबंधन द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, यह रेस्क्यू ऑपरेशन पतौर कोर परिक्षेत्र की बीट पनपथा, रेंज पतौर के RF 428 में चलाया गया। विभागीय हाथियों सूर्या, लक्ष्मण और गणेश की सहायता से विशेषज्ञ रेस्क्यू टीम ने बाघिन को पिंजरे में कैद किया। बाघिन की शारीरिक जांच में पाया गया कि उसके शरीर पर कई जगह चोट के निशान हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वह पिछले कुछ समय से शारीरिक रूप से अस्वस्थ थी।
रेस्क्यू के बाद बाघिन को बहरहा स्थित इनक्लोजर में शिफ्ट किया गया है, जहां उसका नियमित स्वास्थ्य परीक्षण और उपचार किया जाएगा। साथ ही उसके स्वभाव और व्यवहार का गहन अध्ययन कर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। पार्क प्रबंधन का कहना है कि बाघिन की गतिविधियों में यदि सुधार होता है, तो उसे पुनः जंगल में छोड़ा जा सकता है, अन्यथा उसकी सुरक्षा और देखभाल इनक्लोजर में ही की जाएगी।
रेस्क्यू कार्य में क्षेत्र संचालक बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व, सहायक संचालक पनपथा, वन्यप्राणी स्वास्थ्य अधिकारी बांधवगढ़ एवं संजय टाइगर रिजर्व, रेंजर पतौर और पनपथा कोर, रेस्क्यू टीम तथा अन्य फील्ड स्टाफ की सक्रिय भूमिका रही। सभी ने मिलकर सतर्कता और संयम के साथ इस ऑपरेशन को सफल बनाया।
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व देशभर में अपनी बाघों की सघन संख्या और जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है। ऐसी घटनाएं जहां मानव और वन्यजीवों का आमना-सामना होता है, उनके समाधान के लिए सजग और वैज्ञानिक उपाय किए जा रहे हैं। बाघिन के सफल रेस्क्यू से न केवल गांवों में राहत की सांस ली गई है, बल्कि यह वन्यजीव संरक्षण के प्रयासों की भी एक महत्वपूर्ण सफलता है।