संजय गांधी ताप विद्युत गृह में मजदूर की मौत, लापरवाही और ठेकेदारी व्यवस्था पर उठे सवाल

Worker died in Sanjay Gandhi Thermal Power Station, questions raised on negligence and contracting system
उमरिया जिले के बिरसिंहपुर पाली स्थित संजय गांधी ताप विद्युत गृह (एसजीटीपीपी) में बुधवार को हुई एक और दर्दनाक घटना ने संयंत्र की खतरनाक और अमानवीय कार्यप्रणाली को उजागर कर दिया। 19 वर्षीय मजदूर सीताराम साकेत निवासी वार्ड क्रमांक 7 नौरोजाबाद की ऊंचाई से गिरने के कारण मौत का शिकार बन गया।
सीताराम पावर हाउस परिसर के वैगन ट्रिपलर में छत की शीट बदलने का काम कर रहा था। लेकिन, उसे कोई भी सुरक्षा उपकरण जैसे हेलमेट और सेफ्टी बेल्ट प्रदान नहीं की गई थी। जिससे इस घटना को न सिर्फ हादसा, बल्कि ठेकेदार प्रबंधन और अधिकारियों की लापरवाही माना जा रहा है।
इलाज में देरी का आरोप
सीताराम शिव किरण इंजीनियरिंग वर्क्स के अंतर्गत काम कर रहा था, जिसे मरम्मत कार्य का ठेका मिला था। हादसे के बाद ठेकेदार मनीष मिश्रा ने उसे पहले निजी अस्पताल ले जाने की बात कहकर समय गवांया, फिर शहडोल के शासकीय अस्पताल पहुंचाया गया। वहां भी समय पर उचित इलाज नहीं मिल सका। जबलपुर रेफर करने में भी देरी हुई, समय पर बेहतर इलाज नहीं मिलने के कारण सीताराम की जान नहीं बचाई जा सकी।
बार-बार हो रही हैं ऐसी घटनाएं
यह पहला मामला नहीं है। एसजीटीपीपी में इससे पहले भी कई मजदूर हादसों के शिकार हो चुके हैं, लेकिन अब तक किसी ठेकेदार या अधिकारी पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। हर बार मामले को “दुर्भाग्यपूर्ण घटना” बताकर खानापूर्ति कर दी जाती है। मुख्य अभियंता एचके त्रिपाठी ने घटना को घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि घायल को तुरंत अस्पताल ले जाया गया था, लेकिन उसकी हालत गंभीर थी। इलाज के दौरान मौत हो गई।