नेताजी सुभाषचंद्र बोस केंद्रीय जेल जबलपुर में रक्षाबंधन पर्व पर विशेष मुलाकात भाई-बहन के रिश्ते ने तोड़ी सलाखों की दूरियाँ

Special meeting on Rakshabandhan festival in Netaji Subhash Chandra Bose Central Jail Jabalpur, the relationship of brother and sister broke the distance behind the bars

जितेन्द्र श्रीवास्तव (विशेष संवाददाता)
जबलपुर । रक्षाबंधन के पावन पर्व पर नेताजी सुभाषचंद्र बोस केन्द्रीय जेल, जबलपुर (म.प्र.) में एक भावनात्मक और अनुकरणीय पहल के तहत जेल प्रशासन ने विशेष मुलाकात व्यवस्था का आयोजन किया। जेल अधीक्षक अखिलेश तोमर के निर्देशन में यह कार्यक्रम संपन्न हुआ, जिसमें बंदियों को अपने परिजनों के साथ पर्व की खुशी बाँटने का अवसर दिया गया।

इस विशेष दिन पर 1561 पुरुष बंदियों से मिलने के लिए दूर-दराज़ से पहुँचीं करीब 3707 माताएँ और बहनें अपने साथ 1015 बच्चों को भी लाई थीं। सभी ने अपने भाईयों को कुमकुम का तिलक कर राखी बाँधी, मिठाई खिलाई और जीवन में बुराईयों को छोड़कर नई राह पर चलने का संकल्प दिलाया। इसी प्रकार जेल में बंद 27 महिला बंदियों को भी उनके भाईयों ने राखी बाँधी और स्नेह के इस पर्व को मनाया।
इस विशेष अवसर पर कुल 1588 पुरुष और महिला बंदियों से मिलने के लिए 4722 परिजन आए और रक्षाबंधन का यह पर्व जेल परिसर में बड़े हर्षोल्लास और भावनात्मक वातावरण में संपन्न हुआ।
सुरक्षा के दृष्टिकोण से जेल प्रशासन ने विशेष सतर्कता बरती। साथ ही जेल कैंटीन के माध्यम से राखी, मिठाई, कुमकुम, फल आदि की व्यवस्था की गई। चिकित्सा सुविधा, बुजुर्गों के लिए व्हीलचेयर एवं पेयजल की समुचित व्यवस्था भी की गई थी।
इस आयोजन को सफल बनाने में जेल स्टाफ, पुलिस प्रशासन और मीडिया का योगदान सराहनीय रहा। कार्यक्रम के दौरान जेल चिकित्सक डॉ. लक्ष्मण शाह जेल उप अधीक्षक मदन कमलेश, यशवंत सिंह मांझी, गणेश सिंह, श्रीमती रूपाली मिश्रा, समस्त सहायक जेल अधीक्षक तथा अन्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने सक्रिय भूमिका निभाई।
इस पहल ने यह सिद्ध किया कि भाई-बहन का रिश्ता सलाखों के परे भी उतना ही मजबूत और संवेदनशील होता है। रक्षाबंधन का यह आयोजन न केवल परिजनों के लिए बल्कि बंदियों के लिए भी एक शमानवता से भरा हुआ यादगार दिन बन गया।
