नलखेड़ा मंडी में नहीं बिक रही सोयाबीन… बिक रही है किसानों की मजबूरी!

Soybean is not being sold in Nalkheda Mandi… Farmers’ helplessness is being sold!
चंदा कुशवाह
नलखेड़ा । नलखेड़ा कृषि उपज मंडी में इस बार किसान भारी परेशानी झेल रहे हैं। सोयाबीन की खरीदी न शुरू होने से लेकर अव्यवस्था तक, हर मोर्चे पर किसानों का सब्र टूटता दिख रहा है।
मंडी में न बैठने की जगह है, न पीने के पानी की व्यवस्था और न ही शौचालय। किसान खुले आसमान के नीचे अपनी बोरियां लिए मंडी प्रांगण में बैठे हैं — उम्मीद बस यही कि कोई व्यापारी आए और दाम थोड़ा ठीक मिल जाए।
“ना दाम मिल रहा, ना व्यवस्था… मजबूरी में बेच रहे हैं”
ग्राम नालखेड़ा के किसान चिन्तामन विश्वकर्मा ने बताया —
“सुबह से मंडी में बैठे हैं, लेकिन कोई भाव ही नहीं लगाता। जो आ भी रहे हैं वो ₹3500 से ऊपर देने को तैयार नहीं। MSP जो कि ₹5300 रुपए का तो नाम तक नहीं ले रहे।”
एक अन्य किसान बोले —
“बैठने की जगह तक नहीं है। मंडी में पानी नहीं, टॉयलेट नहीं, अधिकारी दिखते तक नहीं।”
पंजीयन पोर्टल पर फसल नहीं दिख रही, किसान हैरान
कई किसानों ने शिकायत की कि पंजीयन के समय पोर्टल पर उनकी सोयाबीन की एंट्री दिख ही नहीं रही।
इससे वे खरीदी प्रक्रिया से वंचित रह गए हैं।
इस बारे में जब तहसील नलखेड़ा के एक पटवारी से बात की गई तो उन्होंने कहा —
“गिरदावरी का काम शासन द्वारा नियुक्त स्थानीय युवाओं द्वारा समय पर किया गया था। सभी रिकॉर्ड पोर्टल पर अपलोड भी किए गए हैं। यह समस्या संभवतः तकनीकी गड़बड़ी के कारण है।”
SDM सुसनेर की लापरवाही पर उठे सवाल
किसानों ने आरोप लगाया कि मंडी की बदहाल व्यवस्था पर SDM सुसनेर का ध्यान नहीं है।
ना तो उन्होंने मौके का निरीक्षण किया, और ना ही मंडी प्रशासन को कोई सख्त निर्देश दिए।
स्थानीय लोगों का कहना है कि हर साल ऐसी स्थिति बनती है, लेकिन इस बार हालत और खराब हैं।
मंडी में व्यवस्था सुधारना SDM की जिम्मेदारी है, लेकिन उन्होंने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया।