नलखेड़ा में बैलों की भव्य शोभायात्रा निकली, नगर परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि विजय सोनी ने किया किसानों का उत्साहवर्धन
नलखेड़ा में बैलों की भव्य शोभायात्रा निकली, नगर परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि विजय सोनी ने किया किसानों का उत्साहवर्धन
Municipal Council President representative Vijay Soni encouraged the farmers.
चंदा कुशवाह (संवाददाता)
नलखेड़ा। परंपरा और संस्कृति का संगम देखने को मिला जब दीपावली के बाद पड़वा पर नलखेड़ा नगर में हर वर्ष की तरह इस बार भी बैलों के जोड़े का पारंपरिक पथ संचलन धूमधाम से निकाला गया।
कार्यक्रम की शुरुआत सांवलिया नाथ मंदिर से हुई, जहां विभिन्न गांवों से आए कुल 13 जोड़े बैलों के एकत्र हुए, जो पिछले वर्ष की तुलना में आधे रहे। बैंड-बाजों, ढोल-नगाड़ों और आतिशबाजी के बीच बैलों का यह संचलन नगर के मुख्य मार्ग, चौक बाजार होते हुए गणपति चौराहे तक पहुंचा। रास्तेभर युवाओं ने नाचते-गाते हुए परंपरा का उल्लास मनाया।
कार्यक्रम का समापन बड़ा गणपति मंदिर के सामने हुआ, जहां गौ सेवा समिति नलखेड़ा द्वारा बैलों के पालन-पोषण करने वाले किसानों को प्रोत्साहन राशि देकर सम्मानित किया गया।
पुरस्कार वितरण इस प्रकार रहा:
प्रथम पुरस्कार ₹11,000 — धरोला के दुर्गेश पिता पन्नालाल
द्वितीय पुरस्कार ₹5,100 — ढंडेडा के प्रेम नारायण
तृतीय पुरस्कार ₹3,100 — तराना के बाबूलाल. चतुर्थ पुरस्कार ₹1,100 — नंदू सिंह पिता पर्वत सिंह
इस अवसर पर नगर परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि विजय सोनी नगर के पार्षदों के साथ उपस्थित रहे और किसानों का उत्साहवर्धन किया। उन्होंने कहा कि “नलखेड़ा की पहचान उसकी परंपराओं से है, और बैलों के जोड़े का यह संचलन हमारी कृषि संस्कृति का प्रतीक है। इसे जीवित रखना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।”
समिति सदस्य सोनू जायसवाल ने बताया कि इस बार बैलों के जोड़ों की संख्या में कमी आई है, जिससे यह स्पष्ट है कि किसानों में पारंपरिक पशुपालन की प्रवृत्ति घट रही है।
इस अवसर पर थाना प्रभारी नागेश यादव भी पुलिस बल के साथ मौजूद रहे और प्रथम पुरस्कार विजेता किसान का सम्मान किया।
गोवर्धन पूजा से खिला नगर
नगर में जगह-जगह गोवर्धन पूजा का आयोजन हुआ। गोबर से बनाए गए गोवर्धन पर्वत की पूजा में श्रद्धालु बड़ी संख्या में शामिल हुए।
गवली मोहल्ला की परंपरा इस बार भी आकर्षण का केंद्र रही, जहां बच्चों को गोवर्धन पर्वत पर लिटाकर पूजा की गई — यह अनोखी परंपरा पीढ़ियों से यहां निभाई जा रही है।
नलखेड़ा की सड़कों पर इस दिन परंपरा, श्रद्धा और संस्कृति ने मिलकर एक अद्भुत दृश्य रचा, जहां नगर परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि विजय सोनी ने परंपरा को नई ऊर्जा और सम्मान दिया।
