नलखेड़ा – निजी स्कूल बस संचालकों की मनमानी से बढ़ रहा है खतरा, प्रशासन मौन!
Nalkheda – The danger is increasing due to the arbitrariness of private school bus operators, the administration is silent!
चंदा कुशवाह
नलखेड़ा। नगर में निजी स्कूल बस संचालकों द्वारा परिवहन नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। न तो वाहनों का फिटनेस प्रमाणपत्र जांचा जा रहा है, न ही सुरक्षा मानकों का पालन किया जा रहा है। इन बस संचालकों ने नियम-कायदों को ताक पर रखकर अपनी मनमर्जी से बसें चलाना आम बात बना ली है।
हर सुबह और दोपहर के समय इन बसों के कारण नगर की सड़कों पर भारी जाम की स्थिति बनी रहती है। स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि बसें अब गलियों और मोहल्लों तक ले जाई जा रही हैं, जिससे आम नागरिकों को आवागमन में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बसें ऐसी हैं जिनका फिटनेस, परमिट और बीमा तक संदिग्ध है, पर फिर भी वे रोजाना बच्चों को लेकर सड़कों पर दौड़ रही हैं। यह लापरवाही किसी बड़े हादसे को न्योता दे सकती है।
फिर सवाल उठता है — आखिर प्रशासन कहाँ है? क्या जिम्मेदार अधिकारी किसी बड़ी दुर्घटना के इंतजार में हैं? जब तक कोई अप्रिय घटना नहीं होगी, क्या तब तक यह अनदेखी जारी रहेगी?
जनता ने मांग की है कि प्रशासन तत्काल इस पर सख्त कार्रवाई करे, बसों का फिटनेस व परमिट जांच अभियान चलाए, और नलखेड़ा में नियम विरुद्ध बस संचालन पर रोक लगाए — ताकि बच्चों की सुरक्षा और आम जनता की सुविधा सुनिश्चित की जा सके।