शासन की करोड़ों की भूमि पर अतिक्रमण कर के बैठा ज्ञानगंगा कॉलेज, आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो करेगा फर्जीवाड़े की जांच

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युवा क्रांती के उपाध्यक्ष (मध्य प्रदेश) रुपेश सिंह ने जारी प्रेस विज्ञप्ति मे बताया कि युवा क्रांती के द्वारा ज्ञानगंगा इस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के संचालको द्वारा किये जा रहे फर्जीवाड़ा और शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर के, उस पर अपने स्वामित्व बताकर बिल्डिंग बनाकर, उस पर संबद्धता प्राप्त की । इसके साथ ही ज्ञानगंगा इंस्टिट्यूट ऑफ टैक्नोलॉजी के द्वारा वहा प्रोफेसर्स की ‘झूठी जानकारी प्रदान करके राजीव गांधी प्रौद्योगिक विश्व विद्यालय एवं आल इंडिया टेक्निकल एजेकेशन की एफिलिएशन संबद्धता प्राप्त की गई।
इस सम्पूर्ण प्रकरण के जैसे सेंकड़ों कॉलेजों की मान्यता फर्जी डॉक्युमेंट्स के आधार पर है । जिसकी जाँच के लिये युवा क्रांती द्वारा एक ज्ञापन माननीय अडिशनल कलेक्टर महोदय जबलपुर को सौंपा गया था जिस पर जांच के आदेश हो गये थे।
जांच में विलम्ब होने से युवा क्रौती केरूपेश सिंह के द्वारा शार्थिक अन्वेषण ब्यूरो भोपाल में शिकायत दी गई थी। आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो भोपाल के द्वारा शिकायत को गंभीरता से लेकर बाँचे मे ले लिया गया है। साथ ही ज्ञानगंगा कालेज संचालको की नोटिस जारी कर दिये गये परंतु नियत 14 अगस्त की पेशी में कोई भी व्यक्ति ज्ञानगंगा इंस्टिट्यूट की तरफ से उपस्थित नहीं हुआ। जिसके उपरांत 23 अगस्त का नोटिस दिया गया है
युवा क्रांती का आरोप है , कि ज्ञान गंगा इंस्टियूट आफ टेक्नोलाजी ने शासकीय भूमि पर निर्माण करके , शासन की करोड़ो रुपये की जमीन हडप ली है । साथ ही धोखा धडी करके , इसी सरकारी जमीन पर निर्मित भवन केआधार पर ज्ञान संगा-3 की संवद्धता प्राप्त कर ली है। शीघ्र ही युवा क्रांती के द्वारा तत्संबंध में सारे दस्तावेज और प्रमाण आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो को इस सोपे जावेगे ।