November 21, 2024

शासकीय राशि का गमन एवं अनियमियता पर सरपंच से होगी वसूली, जिला पंचायत सीईओ ने आरसीसी के तहत वसूली हेतु तहसीलदार को दिए निर्देश.

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Recovery of government funds and irregularities will be done through the Sarpanch, as directed by the District Panchayat CEO under the RCC, instructions given to the Tehsildar for the collection process.

Katni; Scam; Sarpanch' Sahara Samachaar; Bohriband;

Special Correspondent

कटनी । विकासखंड बहोरीबंद की ग्राम पंचायत डिहुटा के तत्कालीन सरपंच अंगद सिंह ठाकुर और अन्य चार के द्वारा सुदूर सड़क के निर्माण में वित्तीय अनियमितता कर, शासकीय धन का गबन और शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाए जाने के फलस्वरुप पांच अनावेदकों तत्कालीन सचिव, जीआरएस, उपयंत्रियो से 1,32,639 रुपए की वसूली निर्धारित की गई थी।

अंगद सिंह को छोड़कर इन चार ने जमा की राशि
तत्कालीन सरपंच अंगद सिंह ठाकुर को छोड़कर जागेश्वर विश्वकर्मा तत्कालीन सचिव, मुस्ताक मोहम्मद ग्राम रोजगार सहायक, एस के पांडे और एम के कौशल तत्कालीन उपयंत्री द्वारा प्रकरण सुनवाई के दौरान वसूली योग्य अधिरोपित राशि जमा कर दी थी।

इसलिए हुई कार्रवाई क्योंकि पेशी में तत्कालीन सरपंच अनुपस्थित रहे और न ही दिया जवाब
आपको बता दें कि प्रकरण में सुनवाई हेतु विहित प्राधिकारी एवं जिला पंचायत के सीईओ श्री गेमावत ने ग्राम पंचायत डिहुंटा के तत्कालीन सरपंच (प्रधान) अंगद सिंह ठाकुर को वित्तीय अनियमितता को लेकर निर्धारित तिथि को उपस्थित होकर जवाब देने हेतु लेख किया था। किंतु श्री ठाकुर सुनवाई के दौरान अनुपस्थित रहे और जवाब प्रस्तुत नही किया।

आरसीसी के तहत होगी वसूली और 6 साल के लिए निर्वाचन के लिए अयोग्य घोषित

जिला पंचायत के सीईओ एवं विहित प्राधिकारी श्री गेमावत ने तत्कालीन सरपंच अंगद सिंह ठाकुर के विरुद्ध एक पक्षीय आदेश पारित करते हुए अधिरोपित वसूली योग्य राशि 36844 रुपए , भू राजस्व की भांति वसूल करने के निर्देश तहसीलदार बहोरीबंद को दिए हैं तथा कार्रवाई प्रारंभ होने की जाने से 6 वर्ष की कालावधि के लिए किसी पंचायत (या ग्राम निर्माण समिति तथा ग्राम विकास समिति या ग्राम सभा की समिति) का सदस्य होने के लिए निर्वाचन से निर्हरित घोषित किया है।

शिकायतकर्ता प्रकाश चंद्र गुप्ता द्वारा सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से ग्राम पंचायत डिहुंटा में सुदूर सड़क निर्माण शांति नगर में बीच नहर की पुलिया से मुख्य नहर तक के निर्माण में फर्जी भुगतान की शिकायत की गई थी। शिकायत का परीक्षण,अनुश्रवण एवं जनपद पंचायत सीईओ बहोरीबंद से प्राप्त जांच प्रतिवेदन के अनुसार शासकीय धन का गबन और शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाया जाना परिलक्षित हुआ। तत्पश्चात आवश्यक प्रक्रिया पूर्ण की जाकर उक्त कार्यवाही हुई।

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