November 22, 2024

सियासत किस करवट लेगी, इसको लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म.

0

Political discussions are heating up over which direction politics will take.

Sahara Samachaar; BJP; Congress;

गगनचुंबी दावों के बीच किसके सिर सजेगा सत्ता का ताज, तीन दिसंबर को स्थिति होगी साफ, लगभग 150 घंटे का इंतजार बांकी.

उदित नारायण

उदित नारायण
भोपाल। मध्यप्रदेश चुनाव 2023 के परिणाम को भले ही लगभग 150 घंटे शेष हों, लेकिन सियासत में कांग्रेस और भाजपा के परिणाम इस बार किस करवट बैठेंगे, इसको लेकर भारी चर्चा हो रही है। मध्यप्रदेश में बिना किसी लहर के नजर आए मतदाताओं के उत्साह और भारी मतदान के बाद राजनीतिक दल और राजनेता आंकड़ों के खेल में उलझ कर इस बात का अंदाजा लगा रहे हैं कि आखिर सता का ताज किसके सिर सजेगा। भाजपा को भरोसा है कि सत्ता का ताज उसके सर पर ही सजा रहेगा। वहीं कांग्रेस को भरोसा है कि कांग्रेस की ही सरकार बन रही है और कमल नाथ मुख्यमंत्री बनेंगे। लाडली बहना बनाम एंटी इनकमबेंसी को लेकर ही अनुमान लगाए जा रहे हैं। शिवराज सरकार की लाडली बहना योजना को भाजपा अपने पक्ष में मानकर चल रही है तो कांग्रेस एंटी इनकमबेंसी और महंगाई के कारण महिला मतदाताओं को अपने पक्ष में मानकर अपनी जीतका गगनचुंबी दावा कर रही हैं।

भाजपा नेता मध्यप्रदेश में 230 सीटों में से 150 से अधिक सीटें जीतने का दावा कर रहे हैं तो वहीं कांग्रेस नेता 125 से लेकर 150 सीट तक जीतने का दावा कर रहे हैं। अपने अंदरूनी सर्वे में दोनों ही दल यह मानकर चल रहे हैं कि लगभग 100 -100 सीटें तो जीत ही रहे हैं और बची हुई 30 सीटों में से जो भी आधे से अधिक जीत लेगा उसे ही मध्य प्रदेश में सत्ता साकेत में नौकायन का मौका मिल जाएगा। लाख टके के सवाल का जवाब 3 दिसंबर को मतगणना से ही मिलेगा 116 का जादुई आंकड़ा कौन पर करता है। वास्तव में भारी मतदान किसके पक्ष में हुआ है इसको लेकर राजनीतिक विश्लेषक भी अपने-अपने ढंग से इसका अर्थ निकाल रहे हैं लेकिन कोई भी निश्चित तौर पर यह नहीं कह रहा है कि चुनाव कौन जीत रहा है।

मध्यप्रदेश के चुनाव नतीजे इस बात पर निर्भर करेंगे कि शिवराज की लाडली बहना ने कोई गुल खिलाया है या फिर एंटी इनकंबेंसी मतदाताओं के मानस पटल पर पूरी तरह छाई रही। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को इस बात का पक्का भरोसा है कि लाडली बहनों ने अपने भाई का साथ दिया है और भाजपा की ही सरकार बनने वाली है। वहीं दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ का दावा है कि मतदाता मध्यप्रदेश का निर्माण करेगा और उनका एक-एक वोट प्रदेश में फैले कुशासन को समाप्त कर जनहित की सरकार की स्थापना करेगा।

सूत्रों के अनुसार भाजपा के आंतरिक सर्वेक्षण में उसे 124 सीटें जीतने का पक्का भरोसा है जबकि उसका अनुमान है कि कांग्रेस को लगभग 100 सीटें मिल सकती हैं। कांग्रेस 130 से अधिक सीटों के साथ अपनी सरकार बनाने का दावा कर रही है तो वहीं पर दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी 124 सीटों पर अपनी जीत पक्की मान वह लगभग 4 सीटों पर कड़े संघर्ष की स्थिति देख रही है। भाजपा के आंतरिक सर्वे में जहां तक विंध्याचल का सवाल है वहां पर पार्टी है यह मान रही है कि उसे यहां की 30 में 19 सीटें मिल ही जाएंगी तो वहीं दूसरी ओर 11 सीटें कांग्रेस को भी मिल सकती है। यहां की 25 सीटों पर कांग्रेस और भाजपा के बीच ही सीधा मुकाबला बताया जा रहा है जबकि 5 सीटों में मुकाबला त्रिकोणात्मक माना जा रहा है। महाकौशल आंचल की कुल 38 सीटों में से भाजपा को 19 सीटों पर जीत का भरोसा है और इतनी सीटें वह कांग्रेस के लिए पक्की मानकर चल रही है। इस प्रकार भाजपा के आंतरिक सर्वे में भी इस अंचल में दोनों के बीच बराबरी का मुकाबला माना जा रहा है जबकि कांग्रेस इस अंचल में अपनी स्थिति काफी मजबूत मानकर चल रही है। यह तो मतगणना से ही पता चलेगा कि आखिर यहां के मतदाताओं ने किस पर अधिक और किस पर कम भरोसा जताया।

भाजपा के आंतरिक सर्वेक्षण के अनुसार भोपाल- नर्मदापुरम संभाग की 36 सीटों में से भाजपा 20 पर अपनी जीत पक्की मानकर चल रही है और कांग्रेस को वह 15 सीटें दे रही है। राजधानी भोपाल की एक सीट भोपाल मध्य में वह कांग्रेस के साथ क कड़े संघर्ष की स्थिति देख रही है। इस संभाग में भी भाजपा और कांग्रेस के बीच ही मुख्य चुनावी मुकाबला हो रहा है। ग्वालियर चंबल संभाग में 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को धीरे से जोर का झटका लगा था लेकिन यहां वह दल बदल के बाद भाजपा को अपनी स्थिति तुलनात्मक रूप से मजबूत नजर आ रही है क्योंकि इस बार उसे भरोसा है कि उसकी झोली में 15 सीटें तोआ ही रहीं हैं जबकि एक मुरैना सीट पर कड़े मुकाबले में बसपा को जीतते हुए देख रही है। इस सर्वे में माना जा रहा है कि इस अंचल में सबसे अधिक 17 सीटें कांग्रेस जीत सकती है। दतिया सीट पर भाजपा कांग्रेस के साथ कड़े मुकाबले की स्थिति देख रही है ।यहां पर भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर हो रही है। बुंदेलखंड अंचल की 26 सीटों में से भाजपा यह मानकर चल रही है कि कांग्रेस को 13 सीटों पर बढ़त है तो वहीं 12 सीटों को अपने लिए पक्की मान रही है जबकि एक सीट निवाड़ी में समाजवादी पार्टी को जीते हुए देख रही है। निमाड़ और मालवांचल की 66 सीटों में से वह अपने लिए 39 सीटें पक्की मान रही है जबकि क्षेत्र 25 सीटें कांग्रेस पार्टी को दे रही है।

जहां तक कांग्रेस का सवाल है उसे 130 से 140 सीटें जीतने का भरोसा है। कांग्रेस पार्टी का आंतरिक सर्वे भाजपा को मात्र 80 से 85 ही सीटें दे रहा है। वही आम आदमी पार्टी बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी आदि को लगभग दस तक सीटें मिल जाएगी ऐसा मानकर कांग्रेस चल रही है।
कांग्रेस और भाजपा दोनों ही अपनी जीत का दावा पूरी शिद्दत के साथ कर रहे हैं।दोनों के अपने अपने तर्क हैं और अपने अपने विश्वास । सभी पार्टियों और निर्दलीय उम्मीदवारों ने अपने-अपने जीत को लेकर मंसूबे पाल रखे हैं लेकिन असली फैसला तो मतदाता का होता है वह सुनता सबकी है और करता अपने मन की है। 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा या कांग्रेस में से उसने किसे सत्ता साकेत में नौकायन का अवसर दिया है यह तो फिलहाल इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में बंद है और मतगणना से ही पता चलेगा कि किसके अरमानों को पंख लगते हैं और कौन निराशा के भंवर में फंस जाता है ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

न्यूज़

slot server thailand super gacor

spaceman slot gacor

slot gacor 777

slot gacor

Nexus Slot Engine

bonus new member

https://www.btklpppalembang.com/

olympus

situs slot bet 200

slot gacor