बिना पंजीयन और मान्यता के चल रहा था बालगृह, बाल आयोग ने दर्ज कराई एफआईआर
The children s home was running without registration and recognition the Children s Commission lodged an FIR
- देर रात औचक निरीक्षण के लिए पहुंची थी बाल आयोग की टीम, मिली कई खामियां
भोपाल। राजधानी के परवलिया सड़क थाना क्षेत्र स्थित आंचल बालगृह में गुरूवार देर रात राष्ट्रीय बाल आयोग और मप्र बाल आयोग की टीम द्वारा औचक निरीक्षण किया गया। इस दौरान टीम को यहां कई खामियां मिली है। मामले में आयोग द्वारा एफआईआर दर्ज कराई गई है। इसके साथ ही राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने मुख्य सचिव मप्र शासन को पत्र लिखकर कार्रवाई की बात कही है। इसके साथ ही कानूनगो ने 7 दिन के भीतर रिपोर्ट मांगी है।
बालगृह न तो पंजीकृत है और न ही मान्यता प्राप्त
आयोग द्वारा मुख्य सचिव को लिखे पत्र में कहा गया है कि आँचल बालगृह के निरीक्षण के दौरान बालगृह के अधिकारियों तथा बालगृह में मौजूद बच्चों से बातचीत की गई। बालगृह न तो पंजीकृत है और न ही मान्यता प्राप्त है। बालगृह में मिली सूची में 68 निवासरत बच्चियां दर्ज थी, लेकिन निरीक्षण के दौरान सिर्फ 41 बालिकाएं मौजूद थी तथा सभी बालिकाएं बाल कल्याण समिति के आदेश के बिना रह रही हैं। बालगृह के अधिकारियों द्वारा बताया गया कि बालगृह में रहने वाले बच्चों को चाइल्ड इन स्ट्रीट मिच्पेशन से रेस्क्यू कर बिना बाल कल्याण समिति में प्रस्तुत किये बालगृह में रखा जा रहा है। यह बालगृह पूर्व में रेलवे चाइल्डलाइन चलाने वाली संस्था चला रही है। आयोग के हस्तक्षेप के उपरांत संबंधित पुलिस ने इस प्रकरण में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने में काफी विलंब किया। आयोग के लगातार हस्तक्षेप करने पर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई।
यह मांगी रिपोर्ट
राष्ट्रीय बाल आयोग अध्यक्ष ने प्रमुख सचिव से रिपोर्ट में विभिन्न जानकारी मांगी है। जिसमें बालगृह में रह रहे सभी नाबालिग बच्चों की आयु एवं मूल पते की जानकारी। बालगृह में रह रहे सभी बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत कर आयोग को रिपोर्ट। मप्र राज्य में स्थित ऐसे सभी बालगृह जो चाइल्डलाइन चलाने वाली संस्थाओ द्वारा चलाए जा रहे है, उनकी जांच की जाए एवं आयोग को उनकी जानकारी मांगी है।