अतिथि शिक्षक सुसाइड मामला: गिरफ्तारी के 24 दिन बाद प्राचार्य को किया निलंबित
Guest teacher suicide case: Principal suspended 24 days after arrest
8 दिसंबर को भेजा था पत्र
भोपाल। भोपाल जिले के ग्राम हर्राखेड़ा स्थित शासकीय अरविंद भार्गव हायर सेकंडरी स्कूल के अतिथि शिक्षक सुसाइड मामले में लोक शिक्षण संचालनालय ने करीब 24 दिन बाद अब प्राचार्य श्रीप्रकाश विजयवर्गीय को निलंबित किया है। बताया जा रहा है कि डीईओ अंजनी कुमार त्रिपाठी ने आयुक्त लोक शिक्षण अनुभा श्रीवास्तव को निलंबित करने के लिए 8 दिसंबर को पत्र भेजा था। जिस पर 24 दिन बाद कार्रवाई की गई है। आदेश में कहा गया है कि निलंबन अवधि में विजवर्गीय का मुख्यालय कार्यालय कार्यालय संभागीय संयुक्त संचालक भोपाल संभाग, भोपाल मप्र रहेगा एवं निलंबन काल में उन्हे नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी।
गलतियों भरे आदेश पर हस्ताक्षर भी हो गए
मामले में 24 दिन की देरी के बाद जारी किए गए आदेश में कुछ गलतियां भी की गई हैं। जारी आदेश में बताया गया है कि प्रकरण में अभियुक्त श्रीप्रकाश विजयवर्गीय को पुलिस ने 19 दिसंबर को अरेस्ट कर न्यायालय में पेश किया था और जेल भेज दिया था। वहीं जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा 8 दिसंबर 2024 को इसकी सूची दे दी गई थी। इस आदेश पर बकायदा लोक शिक्षण आयुक्त द्वारा हस्ताक्षर भी किए गए हैं, लेकिन इस गलती पर ध्यान नहीं दिया गया।
यह है पूरा मामला: जानकारी के मुताबिक मूलतः
अशोक नगर निवासी आकाश यादव पिता गोपाल यादव (23) यहां ग्राम हर्राखेड़ा स्थित शासकीय अरविंद भार्गव हायर सेकेंडरी स्कूल में बतौर अतिथि शिक्षक नौकरी कर रहे थे। पिछले साल 13-14 अक्टूबर को आकाश ने फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया था। आकाश के पास मिले सुसाइड नोट में लिखा था कि प्रिंसिपल श्रीप्रकाश विजयवर्गीय उसके स्थान पर अपने साले को रखना चाहते हैं। अतिथि शिक्षक छगनलाल शाह और नरेंद्र दुबे, प्रिंसिपल के साथ मिलकर मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं। सुसाइड नोट में आगे लिखा है कि आज मैं जो कदम उठाने को मजबूर हूं। मामले में गुनना थाना पुलिस ने प्राचार्य समेत तीन लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया था।
घटना वाले दिन से ही प्राचार्य बिना बताए स्कूल से गायब:
घटना वाले दिन से ही प्राचार्य बिना बताए स्कूल से गायब हो गए थे। उसके गायब होने के बाद भी विभाग की तरफ से कोई कार्यवाही नहीं की गई थी। जिला शिक्षा अधिकारी अंजनी कुमार त्रिपाठी ने आयुक्त लोक शिक्षण अनुभा श्रीवास्तव को प्रस्ताव बनाकर भेज दिया था, लेकिन लोक शिक्षण के अफसर मामले में अनजान बने हुए थे। वहीं, प्राचार्य विजयवर्गीय की हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत खारिज होने के बाद गुनगा थाने में सरेंडर कर दिया।