सिंहस्थ 2028 से पहले क्षिप्रा नदी की धारा बहे निर्मल
Before Simhastha 2028, the stream of Kshipra river should flow clean.
- मुख्यमंत्री डॉ यादव ने अधिकारियों को नदी शुद्धि के लिए कार्य योजना तैयार करने दिए निर्देश
- सिंहस्थ की प्लानिंग में साधु-संतों का परामर्श लें
- कान्ह नदी के गंदे पानी को रोकने की सुविचारित प्लानिंग करें
![](https://saharasamachaar.com/wp-content/uploads/2024/01/shipra-river-ujjain.jpg)
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सिंहस्थ 2028 के मददेनजर क्षिप्रा नदी का पानी स्वच्छ निर्मल एवं आचमन योग्य बनाने के लिये इंदौर, उज्जैन एवं देवास के संबंधित अधिकारियों को क्षिप्रा नदी को साफ रखने की कार्य योजना तैयार करने को कहा है। उन्होंने गंदे पानी को रोकने के लिए जगह-जगह स्टॉप डैम बनाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव आज रविवार को उज्जैन में आयोजित होने वाले सिंहस्थ 2028 के विकास कार्य एवं क्षिप्रा शुद्धिकरण के संबंध में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इंदौर एवं उज्जैन संभाग के संभागायुक्तों एवं कलेक्टर्स को कार्ययोजनाएं बनाने के निर्देश दिए।
![](https://saharasamachaar.com/wp-content/uploads/2024/01/mp_news-sixteen_nine.avif)
मुख्यमंत्री ने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर महाकाल लोक फेस-3 के कार्यों की भी शुरूआत की जाएगी। उन्होंने क्षिप्रा के उद्गम से लेकर समाप्ति स्थल तक घाटों पर सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने की विस्तृत कार्ययोजनाएं बनाने का निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि देश का सबसे बड़ा कुंभ मेला सिहस्थ 12 वर्ष में एक बार उज्जैन में आयोजित होता है। जब सिंह राशि में बृहस्पति प्रवेश करते हैं। मेले में साधु, संत, महामंडलेश्वर, गणमान्य नागरिक एवं आम श्रद्धालु बड़ी संख्या में शामिल होते हैं। सिंहस्थ का आयोजन न केवल उज्जैन बल्कि देश के लिए एक गौरवशाली क्षण होता है।
जब श्रद्धालु आए तो मेले में गौरव का अनुभव करें
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उज्जैन के अलावा सिंहस्थ मेले का इंदौर, देवास, ओंकारेश्वर दादा धुनी वाले, पशुपतिनाथ मंदिर, बगलामुखी मंदिर में भी सिंहस्थ मेले का विस्तार रहता है। सभी जगह आम जनता की सहभागिता रहती है। जब श्रद्धालु आए तो मेले में गौरव का अनुभव करें। सिहस्थ 2028 की प्लानिंग साधु संतों की सलाह पर करने और उनके परामर्श से ही कार्ययोजनाएं बनाने के निर्देश दिए।
99 करोड़ रुपए की डायवर्जन प्लानिंग पर नाराजगी व्यक्त की
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कान्ह नदी का गंदा पानी क्षिप्रा में रोकने के लिए बनाई गई 99 करोड़ रुपए की डायवर्जन प्लानिंग पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि एक बार में ही ऐसी योजना बनाएं कि क्षिप्रा का जल पीने और आचमन योग्य बन जाए। गलत प्लानिंग के लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत केंद्र सरकार से क्षिप्रा शुद्धिकरण के लिए आवश्यक बजट की मांग की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय से संपर्क कर मार्गदर्शन प्राप्त करने को कहा।