हाथरस ; मृतकों की संख्या 130 के पार, मरने वालों में अधिकतर महिलाएं
Hathras; Death toll crosses 130, most of those killed are women
Hathras; Death toll crosses 130, most of those killed are women
उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में मंगलवार को बड़ी घटना घटित हुई। भोले बाबा के सत्संग में अचानक से भगदड़ मच गई। जिससे वहां सैकड़ों की संख्या में पहुंचे लोग घायल हो गए। अब तक प्राप्त सूचना के आधार पर 25 शव एटा जिले में पोस्टमार्टम गृह में पहुंचे हैं। जबकि मृतकों की संख्या 130 के पार पहुंच चुकी है।
हाथरस/एटा। सिकंदराराऊ से एटा रोड पर स्थित गांव फुलरई में सत्संग के बाद बड़ा हादसा हुआ। सत्संग खत्म होने के बाद भीड़ निकल रही भीड़ को एक हिस्से से बाबा का काफिला निकालने के लिए रोका तभी भगदड़ मच गई। इसमें 130 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, कई हालत अभी भी गंभीर बताई जा रही है। ऐसे में यह संख्या अभी और बढ़ सकती है।
- उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में बड़ा हादसा
- सत्संग के दौरान हुई भगदड़ में 130 से ज्यादा लोगों की मौत
- CM योगी ने मृतकों-घायलों के लिए किया मुआवजे का एलान
हाथरस पोस्टमार्टम हाउस भेजे गए 100 से ज्यादा शव
प्राप्त जानकारी के अनुसार 100 से अधिक शव हाथरस पोस्टमोर्टम पर भेजे जा गए हैं। मृतकों में 25 से अधिक लोग एटा के बताए जा रहे हैं। हादसे के बाद फिरोजाबाद से स्वास्थ्य विभाग द्वारा दो डाक्टरों की टीम, पांच एंबुलेंस और एक शव वाहन को मौके पर भेजा गया है।
सीएम योगी ने ली हादसे की जानकारी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद हाथरस में हुए हादसे का संज्ञान लिया। उन्होंने मृतकों के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। मुख्यमंत्री ने घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाकर जिला प्रशासन के अधिकारियों को उनके समुचित उपचार के निर्देश दिए हैं। साथ ही घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी कामना की है। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को मौके पर पहुंचकर राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।CM योगी ने मंत्री लक्ष्मी नारायण, मंत्री संदीप सिंह, चीफ सेक्रेटरी एवं डीजीपी को मौक़े पर भेजा है।
तीन किलोमीटर तक फैली थी वाहनों की संख्या
जानकारी सामने आई है कि महीने की शुरुआत के पहले मंगलवार को सत्संग होता है। इस सत्संग में राजस्थान, मध्यप्रदेश, हरियाणा सहित कई राज्यों के लोग आए थे। भीड़ का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वाहनों की संख्या तीन किलोमीटर तक फैली हुई थी।