जिले में रिश्वत देने का प्रयास असफल: सीईओ अंशुमान राज का साहसिक कदम
Attempt to give bribe in the district failed: CEO Anshuman Raj’s bold step
सीधी ! जिले में रिश्वतखोरी के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है, लेकिन सोमवार को जिला पंचायत सीईओ और अपर कलेक्टर अंशुमान राज ने एक साहसिक कदम उठाकर इस प्रवृत्ति पर कड़ा संदेश दिया। एक पूर्व पंचायत सदस्य, अखिलेश कुशवाहा, अंशुमान राज के चैंबर में मिठाई का डिब्बा और नोटों से भरा लिफाफा लेकर पहुंचे थे। परंतु, जैसे ही अंशुमान राज ने मिठाई का डिब्बा खोला, उन्होंने उसके नीचे एक नोटों से भरा लिफाफा पाया, जिससे उन्हें रिश्वत का अंदेशा हुआ। बिना किसी संकोच के, उन्होंने वह मिठाई का डिब्बा कुशवाहा के मुंह पर फेंक दिया और तुरंत पुलिस को सूचित कर दिया।
पुलिस ने की तुरंत कार्रवाई
सूचना मिलते ही कोतवाली थाना प्रभारी अभिषेक उपाध्याय अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और दोनों व्यक्तियों को थाने ले जाकर पूछताछ की। थाना प्रभारी के अनुसार, जांच के बाद इस मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी। दोनों संदिग्धों ने अब तक रिश्वत के आरोपों को अस्वीकार किया है, लेकिन मौके पर मौजूद साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई की संभावना है।
सीईओ की ईमानदार छवि पर मुहर
सीईओ अंशुमान राज की इस घटना के बाद जिले में चर्चा है। उनकी ईमानदार छवि और कार्य के प्रति समर्पण को देखते हुए जनता में उनकी सराहना हो रही है। जिले में अपनी तैनाती के बाद से ही उन्होंने कई भ्रष्टाचार के मामलों में सख्त कदम उठाए हैं। कई रोजगार सहायकों और सचिवों के खिलाफ की गई कार्रवाई उनके दृढ़ निश्चय को दर्शाती है।
आरोपी का बयान: “रिश्वत का उद्देश्य नहीं था”
दूसरी ओर, पूर्व जिला पंचायत सदस्य अखिलेश कुशवाहा ने इस मामले में सफाई दी है। उनका कहना है कि वे पहली बार जिला पंचायत सीईओ से मिलने गए थे और मिठाई का डिब्बा लेकर गए थे। उनके अनुसार, उनके पास जो पैसे थे, वे उनके निजी कार्य के लिए थे और उनका रिश्वत देने का कोई इरादा नहीं था। उनका दावा है कि सीईओ को इस संबंध में गलतफहमी हो गई है।
यह घटना न केवल रिश्वतखोरी के प्रति प्रशासन की कठोर नीति को दर्शाती है, बल्कि ईमानदारी और निडरता के प्रतीक के रूप में अंशुमान राज के प्रति जिले की जनता का विश्वास और अधिक बढ़ा है।