भोपाल के थानों में जल्द बनेगी साइबर हेल्प डेस्क, फरियादी की सहायता के लिए तैनात होंगे दक्ष पुलिसकर्मी
Cyber help desk will soon be set up in Bhopal police stations, skilled policemen will be deployed to assist the complainant.
भोपाल। राजधानी की पुलिस साइबर ठगी की रोकथाम, इसका शिकार हुए लोगों की मदद के लिए एक और नवाचार करने जा रही है। अब राजधानी के हर थाने में साइबर हेल्प डेस्क बनाई जाएगी। एक दिसंबर से सभी थानों में साइबर हेल्प डेस्क का संचालन शुरू हो जाएगा। यहां पर पांच लाख रुपये तक की साइबर धोखाधड़ी की शिकायतें दर्ज कराई जा सकेंगी।
यह होगा लाभ
इससे न सिर्फ साइबर ठगी के पीड़ितों को शिकायत दर्ज कराने में सहूलियत होगी, बल्कि साइबर क्राइम सेल का भार भी कम होगा। साथ ही जल्द शिकायत होने से पीड़ितों की ठगी गई राशि भी साइबर पुलिस त्वरित कार्रवाई कर होल्ड करेगी, जिससे रिफंड होने की संभावना काफी बढ़ जाएगी।
थानों की साइबर डेस्क में साइबर अपराध की इस चुनौती से निपटने के लिए शहर के हर थाने से दस पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। पुलिस कंट्रोल रूम में गुरुवार से छह दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू कर दिया गया है। इसके तहत पुलिसकर्मियों को साइबर अपराधों से जुड़ी बारिकीयों की जानकारी दी जा रही है।
साइबर विशेषज्ञ अधिकारी दे रहे प्रशिक्षण
डीसीपी क्राइम अखिल पटेल ने बताया कि साइबर डेस्क संचालन के लिए तकनीकी ज्ञान की आवश्यकता होती है। फिलहाल छह दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रदेश के 20 साइबर विशेषज्ञ पुलिस अधिकारी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिसमें पुलिसकर्मियों को राष्ट्रीय पोर्टल एनसीसीआरपी, जेएमआईएस एवं सीईआइआर पर डाटा अपलोड करने के बारे में प्रशिक्षित किया जा रहा है। साथ ही टेलीकॉम कंपनी एवं अन्य तकनीकों का प्रशिक्षण दे रहे हैं। इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम लगातार जारी रहेंगे।
बड़े मामले राज्य साइबर पुलिस ही संभालेगी
साइबर अपराध की रोकथाम और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए यह पहल की जा रहा है कि अब 5 लाख रुपय तक ऑनलाइन ठगी की शिकायत थानों में दर्ज कराई जा सकेगी। हालांकि पांच लाख रुपए से अधिक की साइबर धोखाधड़ी की जांच स्टेट साइबर पुलिस ही करेगी। यानी बड़ी साइबर ठगी के शिकार लोगों को भदभदा स्थित राज्य साइबर पुलिस के कार्यालय में ही शिकायत दर्ज करानी होगी।