रिश्वतखोर ड्रग इंस्पेक्टर लोकायुक्त टीम के हफ्ते चढ़ा , मेडिकल स्टोर लाइसेंस के मांगे 26000

Bribery drug inspector attacks Lokayukta team, demands Rs 26,000 for medical store license
मंदसौर ! मध्यप्रदेश के सरकारी विभागों में रिश्वत लेने के मामले बढ़ते जा रहे हैं। बिना पैसे खिलाए कोई काम नहीं होता है। हालांकि ऐसे मामलों की शिकायत मिलते ही लोकायुक्त भी गंभीरता से एक्शन लेती है। ताजा मामला एमपी के मंदसौर जिले में का है, जहां शुक्रवार को उज्जैन लोकायुक्त ने बड़ी कार्रवाई की है। लोकायुक्त ने ड्रग इंस्पेक्टर को 26 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। ड्रग इंस्पेक्टर ने मेडिकल स्टोर का लाइसेंस बनाने के बदले रिश्वत मांगी थी।
उज्जैन लोकायुक्त डीएसपी राजेश पाठक ने बताया कि फरियादी लखन पिता कृष्ण कुमार पाटीदार निवासी नारायणगढ़ रोड हरसोल ने शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायत में बताया कि उसे मेडिकल स्टोर का लाइसेंस बनवाना था। इसके बदले ड्रग इंस्पेक्टर जयप्रकाश कुम्हार 26 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहा था। जांच में शिकायत सही पाई जाने पर उज्जैन लोकायुक्त टीम ने शुक्रवार को मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष को रिश्वत के 26 हजार रुपए लेते रंगे हाथों पकड़ा है। साथ ही उसने ड्रग इस्पेक्टर के लिए रुपए लिए थे। इसलिए उनको भी अरेस्ट किया गया है।
दलाल को रुपए लेने भेजा
ड्रग इंस्पेक्टर जय प्रकाश ने फरियादी लखन को रुपए लेकर मंदसौर एसपी कार्यालय के सामने बुलाया। रुपए मनीष चौधरी को देने की बोला। इसके बाद फरियादी 26 हजार रुपए लेकर एसपी कार्यालय के सामने पहुंचा। यहां फरियादी को दलाल के रूप में मेडिकल एसोसिएशन का जिलाध्यक्ष मनीष चौधरी मिला। उसने जैसे ही ड्रग इंस्पेक्टर के नाम के रुपए लिए वैसे ही लोकायुक्त टीम ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया।
भ्रष्टाचार में मामला दर्ज
मामले में डीएसपी पाठक ने बताया कि ड्रग इंस्पेक्टर जयप्रकाश कुम्हार और उसके साथी मनीष चौधरी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में मामला दर्ज किया है। इसके साथ ही मामले में विभिन्न स्तर पर जांच जारी है।